बुधवार, 28 फ़रवरी 2024

कुछ बात आलस की हो जाए

 आलस दो तरह के होते हैं एक तो होता है शरीर जब काम करते-करते थक जाता है उसको बोलते हैं ग्लूकोज की कमी से आलस आना इस तरह के आलस में आदमी यदि पानी में मिश्री की डल्ली भी घोलकर पी ले या कुछ हल्का सा खा ले या जूस पीले तो वह उस आलस को दूर भागा सकता है लेकिन जो आलस अकल की कमी से अज्ञानता से पैदा होता है पिछले जमाने में  स्कूल में मार से घर पर मार से या डांट से सजा देकर दूर किया जा सकता था । लेकिन अब यह सब तरीके इल लीगल हो चुकी है मतलब यह तरीके आप करोगे तो आप एक तरह का अपराध कर रहे हो। इस तरह का आलस केवल समझा कर ही खत्म किया जा सकता है या ट्रेनिंग देकर जैसे घर में झूठे बर्तन पड़े हुए हैं महिलाएं पुरुष मोबाइल में बिजी हैं सुबह से लेकर शाम तक घर में झाड़ू नहीं लगी है घर में बिस्तर कपड़े गंदे पड़े हुए हैं बिस्तर ऐसे ही पड़ा हुआ है बिना प्रेस किए हुए कपड़े बच्चे पहन रहे हैं स्कूल जा रहे हैं बिजनेस चौपट हुआ जा रहा है लेकिन अपना हिसाब किताब देखना नहीं है नौकरों पर भरोसा करना है इस तरह का जो आलस है इसमें केवल आप मोटिवेशनल तरीके से ही बाहर आ सकते हैं या जैसे छोटा-मोटे काम की शुरुआत करके फिर आप अपनी स्पीड बढ़ा सकते हैं और आपको लगेगा कि आप कीचड़ में थे जिससे आप धीरे-धीरे बाहर निकल रहे हैं तो यह वाला जो आलस है यह आलस दीर्घकाल का भी हो सकता है जो की अकल की कमी से पैदा होता है संयुक्त परिवार में जो महिलाएं रहती हैं उन्हें इस तरह का आलस कम होता है जबकि न्यूक्लियर फैमिली जो की एकल फैमिली होती हैं उनमें महिलाओं में ये आलस बैठता जाता है। घर को स्वर्ग बनाने की जगह नर्क बना कर रखा जाता है सुबह का खाना फ्रिज में रखकर खाया जाता है 2 दिन तक । बच्चों के लिए टिफिन रात को बना कर रख दिया जाता है फ्रिज में कौन सुबह उठकर मेहनत कौन करें । महीने में एक बार भी बिस्तरों के चादर और टॉवेल नहीं धुलते हैं। जबकि यह होना चाहिए हफ्ते में एक बार तो धुलना ही चाहिए । कुछ महिलाएं तो दो-दो यूनिफॉर्म खरीद लेती है बच्चों की ताकि हफ्ते में बच्चों की यूनिफॉर्म धोना ना पड़े एक बार ही बहुत वाशिंग मशीन में डालकर धो दिए जाएं । तो यहां मेरा उद्देश्य किसी की आलोचना करना नहीं है लेकिन यह बताना है कि पुरुष लोग तो मजबूरी में रोज अपने जॉब पर जाते हैं वह आलस नहीं कर सकते नहीं तो घर नहीं चलेगा। लेकिन उनके पीछे जो महिलाएं होती है उनमें किसी तरह की मजबूरी नहीं होती है उनके पास बहुत सारे काम होते हैं लेकिन वह करना नहीं चाहती आजकल मोबाइल में और टीवी में इतना चलाने में आलस घर के कामों में होने लगा है कि घर के काम पड़े रह जाते हैं।

यही सब आगे आकर आपको अपने बच्चों में दिखाई देने वाला है क्योंकि बच्चे जो मां-बाप करते हैं वही सीखते हैं आगे जाकर यदि आप बीमार होकर पलंग पकड़ लेते हैं तो आप बच्चों से उम्मीद नहीं कर पाएंगे कि वह बड़े होकर आपकी जगह काम कर सकेंगे घर के।

रविवार, 25 फ़रवरी 2024

अपने दीपक स्वयं बने

 हमारे हिंदू धर्म में अधिकतर लोग इसलिए पीछे हैं जरा सी शादी में लाखों रुपए खर्च कर देते हैं दिखावे में। पिता दिनहीन बनके के फिर कर्ज चुकाने में अपनी जिंदगी निकलता है बाबओ को दान पर दान दिए जा रहे हैं बड़े-बड़े मंदिरों में दान दिए जा रहे हैं लेकिन अपने समाज के लोगों के लिए कुछ करने को तैयार नहीं। यह बाबा लोग आते हैं लाखों रुपए दान लेकर अपना भला करते हैं उस शहर के किसी हिंदू शिक्षा संस्थान को कोई दान नहीं करते। अगर हर समाज के लोग संकल्प कर ले के फालतू का दान नहीं करेंगे और अपने समाज के लिए एक स्कूल बनाएंगे तो शायद दूसरे लोगों को भी सीख मिले।

रविवार, 18 फ़रवरी 2024

अपने खाने के प्रति ध्यान दे

 कैसे पहचाने कि आपके खाने में कुछ संदिग्ध पदार्थ मिलाकर खिलाया जा रहा है

आजकल न्यूज़ पेपर में पढ़ते हैं और वेब सीरीज में देखते हैं सीरियल में देखते हैं और हमारे आसपास के कुछ घटना ऐसी होती हैं कि हमें भी अलर्ट होने की जरूरत हो जाती है तो यहां मैं कुछ ऐसी बातें जो कि नॉर्मल है मैं आपको बता रहा हूं जो कि मैंने पता किया कि कैसे आप पता कर सकते हैं कि कुछ कोई व्यक्ति आपको कुछ खाने में मिलाकर खिला रहा है सबसे पहले तो आप जो व्यक्ति आपको रेगुलर खाना सर्व करता है या जिनके यहां आप रेगुलर विजिट करते हैं या कोई व्यक्ति आपको चाय रेगुलर सर्व करता है तो उसकी गतिविधि पर ध्यान दें।

 सबसे पहली गतिविधि वह यह है कि जब भी खाना तैयार हो या चाय तैयार हो वह आपको सर्व करने से पहले ऐसी गतिविधि करता है जिससे कि आपको यह समझ में आता है कि खाने में कुछ मिला कर दिया जा रहा है सबसे पहले तो घर में यदि कोई सदस्य भले ही को अपना सागा क्यों ना हो या कोई भरोसेमंद सर्वेंट आपको  खाना सर्व करने से पहले बाथरूम जा रहा है और फिर वह इधर-उधर देख रहा है या कुछ अलग मोड में है तो आपको सावधान होने की जरूरत है कि वह आपके खाने में कुछ मिलाकर दे रहा है अगर वह रेगुलर यही हरकत कर रहा है इसी तरह यदि कोई आपको चाय दे रहा है तो चाय के कप में कुछ डिफरेंस है या फिर चाय आपको ज्यादा दी जा रही है सामने वाले को कम और आपको बताया जा रहा है कि वह दूसरा व्यक्ति फिक्की चाय पीते हैं या कम चाय पीते हैं और हमेशा आपके सामने ऐसा ही हो रहा है चाय देने से पहले भी वह व्यक्ति यदि बाथरूम जा रहा है फिर बाथरूम से वापस आ रहा है तो वह चाय पीने से पहले आपको अलर्ट हो जाना चाहिए। सामने वाला व्यक्ति किसी के घर जा रहा है या किसी रिश्तेदार के घर जा रहा है और उसके बाद आपके घर आता है आपकी तबीयत ठीक रहती है लेकिन उसके आने के बाद आपकी तबीयत में कुछ गड़बड़ होता है तो आप मान कर चले वह आपको कुछ करवा कर  लेकर आया है और आपको खिला रहा है। 

 पहले मैं इन बातो पर बिल्कुल भरोसा नहीं करता था लेकिन एक व्यक्ति को मैंने बहुत ज्यादा परेशान होते हुए देखा और उनकी जो बूढ़ी मां  है जिनके हस्बैंड की डेथ हो चुकी है वह उन्हें जगह जगह लेकर जाती थी तब एक दिन उनसे मुलाकात हुई वह भी इस चीज में भरोसा नहीं करती थी तब उन्होंने मुझे कुछ बातें इस तरह की बताई क्योंकि उस महिला की बहु उसके बेटे को छोड़कर जा चुकी थी क्योंकि इन लोगों ने किचन में कैमरे लगा दिए थे और वहां संदेह के घेरे में आ गई थी। जब से उसके बेटे की शादी हुई वहां शराब को ज्यादा ही पीने लगा और उसकी अक्सर तबीयत खराब रहने लगी। कभी कभी वह लड़कियों की आवाज में बातें करने लगा था और कुछ इस तरह की एब्नार्मल बातें करता था जो कि हम फिल्मों में देखते हैं।

बुधवार, 14 फ़रवरी 2024

औरत तेरी यही कहानी

 औरतों में यह क्वालिटी होती है कि वह हालात के हिसाब से अपने मां बाप का बेटा भी बन सकती है और अपनी औलाद का बाप भी ।आज मैंने खुद देखा। एक मां ने अपने बेटे को बताया तक नहीं और रात को नशा मुक्ति केंद्र के एंबुलेंस बुलाकर भर्ती करवा दिया। अब वह दारू नही पी सकता है। ना 3 महीने तक मां से मिल सकता है ना मोबाइल यूज कर सकता है । एक ही लड़का है हस्बैंड की मृत्यु हो चुकी है। मां जब चाहे नशा मुक्ति केंद्र में जाकर सीसीटीवी मैं उसको देख सकती है

शनिवार, 3 फ़रवरी 2024

बचपन की मार

 जितनी बचपन में मार हम लोगों ने अपने मां-बाप से खाई है जो भी हाथ में आया उसी से मारा गया । अगर उसकी एक परसेंट मार भी हमारे बच्चों को पड़ जाए तो  वे कोमा में चले आए। बचपन में कुछ माये सोचती थी कि पत्थर से रगड़ने से बच्चा गोरा हो जाएगा। चिमटे झाड़ू और पाइप से पीटने से बच्चा पढ़ाई में तेज हो जाएगा। स्कूल में टीचर नए नए तरीके ढूंढ के लाते थे मारने के।

पहले घर में मां से मार खाओ फिर पिता जी से फिर क्लास टीचर से फिर प्रिंसिपल से । कॉलेज में रैगिंग होती थी भयंकर सो अलग। 

शुक्रवार, 2 फ़रवरी 2024

Text to speech Hindi

 टेक्स्ट टू स्पीक हिंदी की कुछ वेबसाइट links में यहां डाल रहा हूं वैसे तो कुछ जाने-माने वेबसाइट है जो टैक्ट को हिंदी स्पीच में कन्वर्ट करती हैं लेकिन वह कुछ समय बाद पैसा मांगने लगते हैं यहां जो मैं कुछ वेबसाइट के लिंक दे रहा हूं वहां पर आप थोड़ा-थोड़ा करके text को स्पीच में कन्वर्ट कर सकते हैं और टैक्स की जो स्पीड है उसको काम ज्यादा करके अच्छे रिजल्ट पा सकते हैं ।

कृपया अपने अनुसार टेस्ट की जो स्पीड है वॉइस की स्पीड उसको काम ज्यादा करके अच्छे रिजल्ट आप अपने हिसाब से ले लें । इन लिंक को मैं आगे भी अपडेट करता रहूंगा।

टैक्स स्पीच

https://ttsmaker.com/hi


https://freereadtext.com/en/text-to-speech/urdu-pakistan


https://ttsconverter.io/text-to-speech/hindi-india