हमारे हिंदू धर्म में अधिकतर लोग इसलिए पीछे हैं जरा सी शादी में लाखों रुपए खर्च कर देते हैं दिखावे में। पिता दिनहीन बनके के फिर कर्ज चुकाने में अपनी जिंदगी निकलता है बाबओ को दान पर दान दिए जा रहे हैं बड़े-बड़े मंदिरों में दान दिए जा रहे हैं लेकिन अपने समाज के लोगों के लिए कुछ करने को तैयार नहीं। यह बाबा लोग आते हैं लाखों रुपए दान लेकर अपना भला करते हैं उस शहर के किसी हिंदू शिक्षा संस्थान को कोई दान नहीं करते। अगर हर समाज के लोग संकल्प कर ले के फालतू का दान नहीं करेंगे और अपने समाज के लिए एक स्कूल बनाएंगे तो शायद दूसरे लोगों को भी सीख मिले।
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