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मंगलवार, 31 जुलाई 2012

लव मैरिज या अरेन्ज मैरिज Love Marriage or Arranged Marriage?

मेरी इस पोस्ट का शीर्षक मै शुद्ध हिन्दी में लिखना चाहता था लेकिन मुझे अरेन्ज मैरिज की शुद्ध हिन्दी अपनी बोलचाल की भाषा में पता नही। मैने इस पोस्ट को लिखने से पहले एक सज्जन पुरूष जो कि एक अर्टिस्ट हैं से अरेन्ज और लव मैरिज के बारे के जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि अरेंज मैरिज सबसे अच्छी होती है क्योकि इसमें ससुराल के लोग अपने दामाद की बड़ी इज्जत या आदर सत्कार करते हैं, बुरे समय के वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराते हैं और तो और आपके परिवार और आपके ससुराल के पक्ष के लोग बड़े प्रेम से एक दूसरे की सहायता के लिये तत्पर रहते हैं जबकि प्रेम विवाह या लव मैरिज में इन सब बातों के अवसर बहुत ही कम मिलते हैं यदि पति पत्नि के बीच कभी कोई मनमुटाव हो जाये तो ससुराल पक्ष के लोग हमेशा आपको और अपनी बेटी को ही जिम्मेदार ठहराते हैं जबकि अरेंज मैरिज में वे ये चाहते हैं कि मनमुटाव को टाला जाये। लेकिन ये सच्चाई आये दिन न्यूज पेपर्स में जो हम खबरें पढ़ते हैं उनमें दिखाई नही देतीं। लोग एक पक्ष को दहेज के लिये प्रताडि़त करने का दोषी बताते हैं।

सोमवार, 30 जुलाई 2012

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शुक्रवार, 20 जुलाई 2012

अनुभव का पेचकस screw driver of experienced mechanic

पिछले एक सप्ताह से मेरी वाइक बड़ी परेशान कर रही थी। बार बार बंद हो रही थी तो मैने सोचा कि शायद कार्बोरेटर में पानी या कचरा आ गया होगा तो मैने उसे ड्रेन कर दिया। ड्रेन मतलब जो कार्बोरेटर के नीचे वाला स्क्रू होता है जिससे कि एक लटका हुआ खुला पाइप जुड़ा रहता है उसे खोला तो जो अवशिष्ट युक्त पेट्रोल कार्बोरेटर की तली में जमा होता है निकल जाता है। लेकिन इससे समस्या का अंत नही हुआ फिर मैने कार्बोरेटर में जो रेस बढ़ाने का स्कू्र होता है उससे रेस बढ़ाई ताकि गाड़ी बार बार बंद न हो लेकिन ये तरकीब भी ज्यादा काम न आई। अब तो गाड़ी का इंजन आग की तरह गर्म होने लगा और गाड़ी बार बार बंद। तब मैने एमपी नगर में एक मैकेनिक को दिखाया तो उसने कहा कि गाड़ी में इंजन आॅयल डालना पड़ेगा मैने सोचा कि चलो डलवा लेते हैं। लेकिन इंजन आॅयल डालने के बाद भी दूसरे दिन गाड़ी अत्यधिक पेट्रोल खा रही थी और वही बार बार बंद। इस बार मुझे 2 कि.मी. गाड़ी धकाकर बीएचईएल एरिये में एक मैकेनिक को दिखानी पड़ी उसने कहा कि कलच पलेटें जा रही हैं इसलिये उसने कलच बायर लूज कर दिया अब तो गाड़ी कुछ दूर चले और जैसे ही कहीं ट्रेफिक में गेयर चेंज करों बंद। फिर करते रहो स्टार्ट, और पेट्रोल तो गाड़ी एक तरह से पी रही थी मात्र 6 कि.मी. गाडी चलाने पर 30 रू. का पेट्रोल स्वाहा हो रहा था। इसके बाद मैने ओर 2 मैकेनिकों को दिखाया लेकिन कुछ समय बाद समस्या वहीं की वहीं। फिर किसी तरह गुरूवार याने 19 जुलाई 2012 को मै अपने आॅफिस से जो कि जोन 1 एमपीनगर में है से जोन 2 एमपीनगर स्थित पेट्रोल पम्प तक गाड़ी धकाकर ले गया। मैने सोचा कि कौन जरा से पेट्रोल के लिये दूसरों के आगे हाथ फैलाये। अब तो ऐसा लगे जैसे मै एक कमजोर और कुपोषित की श्रेणी में हँू जो कि एक चढ़ाई पर गाड़ी को धकाने में ही पसीने से तरबतर हो गया। खैर किसी तरह मै रात के 8 बजे किसी तरह गाड़ी को रूकते रूकाते बीएचईएल बरखेड़ा मार्केट ले गया लेकिन वहाँ गुरूवार को सभी दुकाने बंद रहती हैं मैकेनिक की भी। फिर वहाँ से पिपलानी मार्केट गया लेकिन वहाँ गुरूवार का बाजार या हाट लगता है इसलिये मैकेनिक महोदय के भाव बढ़े हुये थे सो वहीं एक दूसरे मैकेनिक के पास गया तो उसने गाड़ी को चेक करने के बाद बताया कि इसका इंजन खुलेगा पिस्टन डलेगा और पता नहीं क्या डलेगा कहा। और उसने टोटल खर्चा बताया 1800 रू. मैने कहा कि यार ये तो तुमने अंधी मचा रखी है जरा सी प्रोब्लम को ठीक करने के इतने खर्चे बता रहे हो तो वह अपनी दलिलें देने लगा कि करवा लो नही तो इंजन बैठ जायेगा, एवरेज की गारंटी मेरी आदि। मैने उससे कहा कि रहने दे भाई।

भगवद गीता ऑनलाइन सुनिए Listen online Bhagavad Geeta in Hindi

भगवद गीता ऑनलाइन सुनिए चार भाषाओं में  Listen online Bhagavad Geeta



http://gitopanishad.com/audio/hindi-gita/listen-hindi.html

सोमवार, 16 जुलाई 2012

शनिवार, 14 जुलाई 2012

मंगलवार, 10 जुलाई 2012