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सोमवार, 14 नवंबर 2011

बाल दिवस विशेष

आज का भास्कर भोपाल का बाल दिवस विशेष के २ पेज बड़े ही अच्छे और interesting लगें यदि अपने न पढ़े हों तो पढ़े.

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bhaskar bhopal 14 nov11

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शनिवार, 5 नवंबर 2011

टॉप न्यूपेपर्स रीडर्स का विज्ञापनों के प्रति रूझान

आजकल लोगों का या ये कहें कि टॉप न्यूपेपर्स रीडर्स का विज्ञापनों के प्रति इस तरह का रूझान होता है।
 सुबह जब पेपर आता है तो हम उस लोकप्रिय समाचार पत्र के केवल कंटेंट पढ़ने में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि विज्ञापन को इंग्नोर कर देते हैं दीवावली के टाइम तो एक ही न्यूज पेपर के जो कि भोपाल में टॉप पर है नाम सभी को पता है, के दो दो कॉपियाँ आर्इं मेरी पत्नि तो ये कहने लगी कि पिछल्ले 2-3 दिन से रोज पेपर वाला दो-दो पेपर डाल कर जा रहा है, तब मैने उसे समझाया कि अभी दीपावली का समय है भेड़चाल जारी है इस न्यूज पेपर को इतने विज्ञापन मिल रहें हैं कि ये दो-दो तरह के पेपर जिसमें अलग-अलग न्यूज है बाँटवा रहा है ताकि सभी कंपनियों के विज्ञापन विशेष दिन में छाप  जा सकें। मैने इन दीपावली के समय आने वाले पेपरों को केवल पलट कर देखा है चिड़कर एकतरफ फेंक दिया। लेकिन इन दिनों एक नई आदत का जन्म हुआ केवल न्यूज पढ़नी है विज्ञापन को केवल सरसरी निगाह से देखना है। मैने देखा है कि आजकल बांडेड चड्डी-बनियान बनाने वाली कंपनियों के एड जिनका नाम भी याद नही होता टीवी पर भी कभी विज्ञापन नही देखा भोपाल के सबसे मंहगे माल में जिनकी दुकाने खुली हुई हैंके विज्ञापन आते है तो लोग जब विज्ञापन के अंत में ये देखते हैं कि इसकी दुकान तो उस मंहगे मॉल में है तो वे पहले ही तय कर लेते हैं कि ये चड्डी-बनियान जरूर बहुत मंहगे होंगें। पता नही क्यों कंपनियां अपने इन विज्ञापनों में अपने जो प्रोडक्ट वे विज्ञापन में शो कर रही हैं की कीमत छापने में अपनी बेज्जती या स्टेंडर्ड डाउन होने के भय से ग्रसित होती हैं। ये खामी सबसे ज्यादा मोबाइल बनाने वाली नई नई कम्पनियों में नजर आती है जो नये नये ब्रांड के मोबाइल के बडेÞ-बड़े विज्ञापन देती हैं तब लोग ये सोचतें हैं कि कीमत क्यों नही छापते आजकल लोग इन कंपनियों के मोबाइल कीमत से ही आकर्षित होकर खरीदते हंै न की नाम से। जो वर्गीकृत में चमत्कारिक बाबाओं के विज्ञापन आते हैं उनको पढ़ों तो लगता है दुनिया में इनसे ज्यादा बड़े ठग हो ही नही सकते जो न्यूज पेपर ठगों के नये नये घोटलों जनता के सामने लाता है उस न्यूज पेपर में इस तरह के विज्ञापन वो भी सबसे ज्यादा देखकर विचार आता है कि ये इनको बढ़ावा क्यो दे रहे हैं, सबकुछ जानते हुए भी। बड़े-बड़े यौन शक्ति वर्धक तेलों के विज्ञापन भी लोग केवल आंखे सेंकने के लिये देखते हैं।
इस लेख का सार यह है कि पाठक आजकल बहुत सावधान हो चुके हैं वे केवल अपने प्रात: के कीमती समय में जब बच्चों को स्कूल भी छोड़ना है, नाश्ता भी करना है, लंच भी लेना है आॅफिस के लिये भागना  होता है केवल न्यूज पेपर में कंटेन्ट पढ़ कर ही छोड़ देते है विज्ञापनों को इतनी गंभीरता से नही लेते जितनी गंभीरता से ये विज्ञापन दाता ये सोचकर देते हैं कि पेपर लोकिप्रिय है तो लोग अवश्यक ही हमारे विज्ञापन देखेंगें।

बुधवार, 2 नवंबर 2011

Windows Installer pops up

यदि आपको भी window xp intall करने के बाद इस तरह का मेसेज (Windows Installer pops up)शो हो तो इस वेबसाइट पर जाकर 94 नंबर की फाइल डाउनलोड कर उसे रन कर दें. और कंप्यूटर रिस्टार्ट करें.