औरतों में यह क्वालिटी होती है कि वह हालात के हिसाब से अपने मां बाप का बेटा भी बन सकती है और अपनी औलाद का बाप भी ।आज मैंने खुद देखा। एक मां ने अपने बेटे को बताया तक नहीं और रात को नशा मुक्ति केंद्र के एंबुलेंस बुलाकर भर्ती करवा दिया। अब वह दारू नही पी सकता है। ना 3 महीने तक मां से मिल सकता है ना मोबाइल यूज कर सकता है । एक ही लड़का है हस्बैंड की मृत्यु हो चुकी है। मां जब चाहे नशा मुक्ति केंद्र में जाकर सीसीटीवी मैं उसको देख सकती है
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