सोमवार, 28 जुलाई 2025

कार कंपनियां हेतु सुझाव

कार कंपनियां हेतु एक बहुमूल्य सुझाव जिससे कि उनके कस्टमर परेशान नहीं होंगे सुझाव बहुत छोटा सा है कि सालों से cars में केवल एक ही बैटरी लगती हुई आई है यदि कार में जहां बैटरी लगती है वहां एक और रिसरर्व बैटरी लगा दी जाए तो भारी बारिश में और सूनी सड़कों में अगर बैटरी डिस्चार्ज हो जाती है तो लोग फैमिली के साथ और अकेले मे परेशान नहीं होंगे. आदमी लाखो रुपए की कार लेकर चलता है लेकिन एक 3500 की बैटरी के पीछे परेशान हो जाता है. Car वही छोड़ने पड़ती है या बैटरी कहीं से जुगाड़नी पड़ती है. यदि बैटरी के बाजू में एक जगह बनाकर वहीं दूसरी बेटरी लगा दी जाए तो लोगों का बहुत ज्यादा टाइम बचेगा. 

शुक्रवार, 25 जुलाई 2025

पिरामिड रहस्य

आज मुझे अपने गुरु जी के प्रावचन में पता पड़ा कि बहुत सालों पहले जिस वैज्ञानिक ने प्रामिड का अध्ययन किया था और उसका प्रेक्टिकल करके देखा था. थोड़ा डिटेल में है लेकिन मैं शार्ट में बता रहा हूं उसने कहा था कि जितने भी अस्पताल बनाए जाएं पिरामिड के आकार में बनाया जाए तो लोग बहुत जल्दी स्वस्थ होंगे इसी तरह जो बच्चे बर्थडे पर गोल टोपी पहनते हैं जो ऊपर से पिरामिड के आकार का होता है यदि कोई मानसिक रोगी या जिसके सर में दर्द रहता है रेगुलर पहनना स्टार्ट कर दे तो उसको बहुत राहत मिल सकती है.

 जब हम योग करते हैं और सिद्धासन में बैठते हैं तो वह भी पिरामिड की तरह आकर बनता है नीचे से फैला हुआ ऊपर साइड नुकीला 

गुरुवार, 10 जुलाई 2025

किंग कोबरा

 आज मैने एक आध्यातमिक गुरु जी का प्रावचन सुना जिसमें बताया गया है की कुछ लोगों का दिमागी संतुलन खोने लगता है तो उनका इलाज बिच्छू के डंक से किया जाता था. उनका पुरा न्यूरोलॉजिकल सिस्टम हिल जता है बिच्छू के डंक से. दुसरा उन्होंने यह बताया की जंगल में जब कोई ध्यान करता है तो उसका दिमाग का कंपन कम होने लगता है और किंग कोबरा बहुत सरे उसके आसपास ईकट्ठे होने लगते हैं और यह भी बताया पहले के पुराने जमाने में किंग कोबरा को अध्ययन करके यह पता लगाया जता था धरती पर कहाँ भूकंप आने वाला है क्योंकी किंग कोबरा धरती के कंपन को महसूस कर लेता है और भी बहुत कुछ बताया

बुधवार, 9 जुलाई 2025

बचस्पति भामती

 पहली बार बचस्पति का नाम सुनाई दिया मैंने अपने गुरु जी का प्रवचन सुना. बचस्पति जो थे वह ब्रह्म की खोज में थे उनके पिता ने पूछा कि तेरी शादी कर दे उन्होंने हां कह दिया लेकिन उन्हें पता नहीं था उन्होंने हां बोल दिया. 12 साल तक उनकी पत्नी उनके लिए दिया लगाती थी भोजन देती थी भोजन की थाली उठाती थी.उन्हें ज्ञात नहीं था कि वह उनकी पत्नी है क्योंकि वह ब्रह्म सूत्र लिखने में इतने खो गए थे. 12 साल बाद जब ग्रंथ पूरा हुआ तब उन्हें समझ में आया कि उनकी पत्नी है लेकिन उन्होंने प्रतिज्ञा की थी कि जब यह ग्रंथ पूरा होगा तो वह संन्यास लेंगे उन्होंने अपने पत्नी के श्रम का मूल्य यह दिया कि उन्होंने उस ब्रह्म सूत्र का नाम भामती रखा अपनी पत्नी के नाम पर