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बुधवार, 9 जुलाई 2025

बचस्पति भामती

 पहली बार बचस्पति का नाम सुनाई दिया मैंने अपने गुरु जी का प्रवचन सुना. बचस्पति जो थे वह ब्रह्म की खोज में थे उनके पिता ने पूछा कि तेरी शादी कर दे उन्होंने हां कह दिया लेकिन उन्हें पता नहीं था उन्होंने हां बोल दिया. 12 साल तक उनकी पत्नी उनके लिए दिया लगाती थी भोजन देती थी भोजन की थाली उठाती थी.उन्हें ज्ञात नहीं था कि वह उनकी पत्नी है क्योंकि वह ब्रह्म सूत्र लिखने में इतने खो गए थे. 12 साल बाद जब ग्रंथ पूरा हुआ तब उन्हें समझ में आया कि उनकी पत्नी है लेकिन उन्होंने प्रतिज्ञा की थी कि जब यह ग्रंथ पूरा होगा तो वह संन्यास लेंगे उन्होंने अपने पत्नी के श्रम का मूल्य यह दिया कि उन्होंने उस ब्रह्म सूत्र का नाम भामती रखा अपनी पत्नी के नाम पर

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