वीरता वाली पढ़ाई
हमें स्कूलों में शुरू से लेकर अभी तक पढ़ाया जा रहा है या था और उपदेश दिया जा रहा है कि दीया बनके रहो दूसरों को रोशनी दिखाओ. तूफानों में डटे रहो भले यह विज्ञान को नकारता हो. भैया यह भी तो पढा सकते थे कि मसाल बनकर जियो जो तुम्हारी झोपड़ी में आग लगाए तुम भी उस मसाल से उसकी झोपड़ी में आग लगा दो. कोई तूफान बन कर आए तो मसाल बुझाना पाए. कोई एक गाल पर मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो अरे यह भी पढा सकते थे की गाल भले ही आगे कर दो लेकिन उसकी पीछे से अंगुली कर दो.
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