सब ज्ञान पीछे छूट चुका है
धूर्तता और मूर्खता और मुख दर्शक यह सब चीज सरकार में साल में एक बार देखने को मिलती हैं जब गरीब से गरीब आदमी अपने बच्चों का कोर्स और यूनिफॉर्म खरीद लेता है उसके बाद गवर्नमेंट जांच एजेंसियां बनाती है. और सबको मालूम है बुक माफिया कौन है लेकिन उनको मालूम है चंदा भी पार्टी में वही देता है. और सरकार में एक से एक पढ़े-लिखे लोग बैठे हुए हैं लेकिन उनको कुछ करना नहीं है अपनी आत्मा को उन्होंने जमीन से 10 फीट नीचे गाड़ दिया
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