सोमवार, 25 अगस्त 2025

नींद से जागो

 आज मैंने अपने गुरुजी का छोटा सा प्रवचन सुना उसमें उन्होंने बताया कि जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य आरोग्य है यदि आदमी रोगी है तो 56 भोग भी सामने रखे हो तो किसी काम के नहीं है. वक्त के पास इतना वक्त नहीं है कि वह आपको दोबारा वक्त दे सके. यदि हम 75% समय कमाने में निकाल रहे हैं तो हमें उसका अनुपात ठीक करना चाहिए और अपने शरीर को भी टाइम देना चाहिए. भेड़ चाल से निकलकर अलग हो जाओ क्योंकि भेड़ चाल में जो धूल उड़ेगी वह आपके फेफड़े खराब कर देगी. 

बुधवार, 6 अगस्त 2025

जीवित व्यक्ति को खिलाओ

 दिवंगत आत्मा का श्राद्ध करके पशु पक्षियों को A1 क्वालिटी का खाना खिलाने से क्या मतलब जब बुजुर्ग जीवित रहते हैं तो घर के लोग एक बाहर कुर्सी डालकर बिठाकर रखते हैं अगर वह कुछ बोलते हैं कि मुझे यह खाना है मुझे वह खाना है तो उनको बीमारियों का हवाला दिया जाता है. कभी-कभी तो कुछ उनकी बहुएं उनसे पता नहीं कौन सी दुश्मनी निकालती है घर के पूरे बाहर के काम उनसे ही करवाती हैं. उनको इतना कम खाना दिया जाता है कि उनकी ज्यादा उम्र होती भी नहीं है फिर भी वह कंकाल की तरह दिखने लगते हैं. धीरे-धीरे डिप्रेशन में जाते हैं और जो उन्हें खाना होता है वह उन्हें नहीं दिया जाता मरने के बाद देने से कौन सा मतलब निकल रहा है. 

 बच्चे और बुजुर्ग लगभग एक जैसे होते हैं बच्चों का भी मन तरह-तरह की चाहिए खाने का होता है और बुजुर्गों का भी. खीर पूरी सब्जी और नमकीन और मिठाइयां खाने का होता है भले ही कम मात्रा में दो लेकिन उनका मन तो नहीं मारो