भगवान श्री कृष्ण को पता था कि सुदामा के भाग्य में भगवान की कृपा से ही धन आएगा इसलिए उन्होंने अपने मित्र को किसी दूसरे के आगे हाथ फैलाने आने लायक नहीं छोड़ा। उन्हें इतना कुछ दे दिया है कि दूसरों के आगे उन्हें भविष्य में कभी हाथ फैलाने की जरूरत नदी पड़ी। सुदामा ने कुछ मांगा नहीं और भगवान इतना कुछ दे दिया।
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