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मंगलवार, 8 सितंबर 2015

पर्सनल लोन के लिये सैलरी अकाउंट क्यो जरूरी कर रखा है

why salary account is compulsory for personal loan in Govt Bank
मुझे एक छोटा सा व्यापार करने के लिये जो कि सस्ती दरों पर लोगो को भोजन पहंुचाने पर आधारित है शुरू करना है लेकिन अभी तक पिछले 3 महीनों में मै लगभग हर बैंक में अप्लाई कर चुका हंू, प्राइवेट बैंक तो बिना किसी सिक्योरिटी के लोन देने को तैयार नही। और जो सरकारी बैंक हैं भले ही आपका 10 वर्ष पुराना से​विंग अकाउंट उस सरकारी बैंक में है तथा उसका रिकार्ड भी बहुत अच्छा है तो भी ये सरकारी बैंक प्राइवेट सर्विस करने वालों को लोन नही देतीं यदि आप प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में कार्यरत हैं तब भी सेलरी अकाउंट उस बैंक में होना जरूरी है तभी आपकों ये लोन के लिये योग्यता की श्रेणी में रखती हैं।
ये सरकारी बैंके हम लोगों का पैसा जमा तो करती हैं लेकिन लोन देतीं है केवल सफेद हाथियों यानि बड़े—बड़े उद्योगपतियों को न की देश के आम नागरिकों को।

और जो यहां मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री उद्ययमी योजना जिला उद्योग केन्द्र एवं बैंको के द्वारा चल रही है वो केवल कागजो में ही चल रही है। लोग केवल सरकारी कार्यालयों में अपनी गाड़ी के टायर ही घिस रहे हैं।
और भोपाल के जो प्रमुख न्यूज पेपर है उनमे प्रतिदिन ढ़रों लोन एवं फायनेंस वालों के ​विज्ञापन छपते हैं। वे केवल लोगों को बेबकूफ बना कर अपने बैंक अकाउंट में फीस के नाम पर मोटी रकम ट्रांसफर करवा कर लोगों को ठगते हैं।
इस पोस्ट के माध्यम से मै  देश के वित्तमंत्री एवं रिजर्व बैंक के गर्वनर से अनुरोध करना चाहता हंू कि कृपया आम आदमी को जो कि मध्यम वर्गीय कहलाता है जो रात दिन देश की अर्थव्यवस्था चलाने में अपना पसीना बहा रहा है उसके लिये लोन की शर्तें सरल करें एवं बैंक  के लिये ये तय करें कि यदि उनके यहां किसी मध्यमवर्गीय व्यक्ति् का अकाउंट है तो उसे किसी भी परिस्थिति में लोन योग्य समझा जाये।


31 OCT 2015

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