मै यहां एक ऐसा मुद्दा उठा रहा हूं जिससे हम सभी देशवासियों को फायदा हो सकता हैं समय बच सकता है और देश की अर्थव्यवस्था दुगनी रफतार से चल सकती है।
हमारे देश में रेल्वे जो कि अपने लगभग 99 प्रतिशत कर्मचारियों से shift pattern में काम लेती है। बीएचईएल भी अपने कर्मचारियों से shift में काम लेती है। और भी बहुत से विभाग हैं जो कि अपने कर्मचारियों से shift में काम लेते हैं। तो सरकार एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए बैंको से shift में काम क्यो नही लेती? और shift का समय हो सकता है प्रात: 7 से सायं 3 बजे तक एवं सायं 3 से रात 11 बजे तक। इससे ये फायदा होगा कि जो प्राइवेट या सरकारी कर्मचारी हैं उन्हें बैंक के कार्य निपटाने के लिये अलग से समय नही निकालना होगा। आप ही सोचिए जब प्राइवेट और सरकारी कर्मचारी अपने कार्यालय में पहुंच कर कार्य शुरू करता है तब बैंक खुलते हैं आपने भी देखा होगा कि अधिकतर लोग सुबह-सुबह बैंक के कार्य निपटाने के चक्कर में लेट हो जाते हैं या महिने में कम से कम 2 बार तो उन्हें आधे दिन बैंक में ही समय देना होता है। इससे रोजगार भी मिलेगा लोगों को। बैंक अपने संसाधनों को जो कि 24 घंटे लगातार यूज किये जा सकते हैं से ज्यादा काम ले सकता है। कर्मचारियों को एक साथ अवकाश न देते हुये उन्हें रेल्वे की तरह बीकली आॅफ दिया जा सकता है जिससे कि हम भारतवासियों को रविवार के दिन भी अपने बैंकिंग कार्य निपटाने का अवसर मिल सकता है आप ही सोचिये हमारे देश में कितना बडा चेंज आ सकता है।
जब महिलाएं अस्पतालों में सिक्योर अनुभव कर कार्य कर सकती हैं तो बैंको में भी उनसे कार्य कराया जा सकता है। या फिर उनके सामने आप्शन दिये जा सकते हैं।
सहमत ... बिलकुल
जवाब देंहटाएंहोना चाहिए काम शिफ़्ट बेसिस पे ... काम से काम मारा मारी नहीं होगी पब्लिक को ... अच्छा सुझाव है ...