84 लाख योनियो का सफर पूरा हुआ
जब हमारा मनुष्य जीवन उदित हुआ
आओ इस मनुष्य जीवन को सफल बनाएं
उस आनंद को भगवान से प्रार्थना करें के ढूंढ पाएं जिसकी तलाश में कालचक्र में हम भवरे की तरह घूमें
कालचक्र तो चलता रहेगा लेकिन हमारा घूमना रुकता हुआ लगेगा
निराशा छोड़ें और दीपावली में उमंग भर लें
आओ इस दीपोत्सव को अपने जीवन की रोशनी
करलें
- भगत सिंह पंथी
आप सभी को दीपोत्सव की शुभकामनाएं
शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएं