बहुत सी दवा कम्पनियाँ बीमारियों को दबाने वाली दवाएँ के लिये ही रिसर्च कर रही हैं और नई नई दवाएँ मार्केट में उतार रही हैं और खूब मुनाफा पीट रहीं हैं। ये कम्पनियाँ बीमारियों को जड़ से खत्म करने के लिये रिसर्च क्यों नही करतीं। अगर कर भी रहीं है तो इनका रिजल्ट क्यो नहीं आता क्यो सरकार अपने राजस्व के चक्कर में इनको इसके के लिये उत्साहित करने से हिचकती है। मुझे लगता है कि इससे इनकी दुकानदारी बंद हो जायेगी। एक बात ओर कि सरकार तम्बाकू विक्रेताओं से कहती है कि पैकेट पर लिखें और ये बीमारी के फोटो भी दर्शाये जिससे लोगों ये पता पडेÞ कि तम्बाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। क्या ये बात हमारे सरकार के समझ नही आती। माना कि सरकार इनकी बिक्री पर रोक नही लगा सकती तो कम से कम से तो कानून बना सकती है कि हर वो व्यक्ति जो तम्बाकू का सेवन करता है के लिये स्वास्थ्य बीमा अनिवार्य हो। और जो तम्बाकू उत्पाद मार्केट में बिक रहे हैं उनकी क्वालिटी के लिये एक ग्रेड तय हो जिससे इसका सेवन करने वाले को ये पता हो कि वो किस स्तर का तम्बाकू उत्पाद ले रहा है। भगत सिंह पंथी
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