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शुक्रवार, 13 सितंबर 2024

कल्पना वास्तविकता में बदली

 बचपन में जब मैं छोटा था उस समय ना तो मोबाइल था टीवी कलर बड़ी मुश्किल से देखने को मिलती थी उस समय मैं सोचता था कि बस बैटरी से क्यों नहीं चलती क्योंकि पापा जब खिलौने लाते थे वह सेल से चलते थे आज मैं खुद देखता हूं इतनी बड़ी-बड़ी बसे बैटरी से चल रही है। आज मैं वह सब चीज़ सोचता हूं तो मुझे लगता है कि मैं पहले दूसरी दुनिया में था। लोग बोलते हैं 70 साल में क्या हुआ 30 साल में यह इतना बड़ा चेंज आ गया

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