जब पत्नी के साथ विवाह बंधन में बंधना होता है तो बड़े-बड़े पंडितों को बड़ी-बड़ी दक्षिणा देकर मुहूर्त निकलवाते हो बिना मुहूर्त के शादी नहीं करते हो । महीनो तक वेट करते हो तो फिर रक्षा सूत्र मतलब रक्षाबंधन पर राखी बंधवाने के लिए हर कोई सा समय क्यों चुनते हो जब पेपर में छपा हुआ है मुहूर्त यह है तो इस मुहूर्त में बंधबाओ एक बात को आप मानते हो दूसरी जगह को अज्ञान दिखाते हो तो कहीं ना कहीं परिणाम गलत ही आता है।
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