रात को जन्मदिन की शुभकामनाएं न देने के पीछे मुख्य रूप से दो कारण हैं:
धार्मिक/आध्यात्मिक कारण
निशीथ काल: रात 12 बजे से 3 बजे तक का समय निशीथ काल माना जाता है। हिंदू धर्म में इसे प्रेत काल या पिशाच काल भी कहा जाता है। इस समय नकारात्मक ऊर्जा का प्रचलन होता है। माना जाता है कि इस समय शुभ कार्य करने से लाभ नहीं मिलता, बल्कि नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
सूर्योदय का महत्व : हिंदू धर्म में सूर्योदय को दिन की शुरुआत माना जाता है। जन्मदिन का समय सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक होता है। रात को जन्मदिन मनाने का अर्थ होता है कि आप उस दिन का आधा हिस्सा खो चुके हैं।
वैज्ञानिक कारण :
नींद का चक्र : रात 12 बजे से 3 बजे तक का समय गहरी नींद का होता है। इस समय बधाई देने से व्यक्ति की नींद भंग हो सकती है और उसका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य : रात में अंधेरे और शांत वातावरण में नकारात्मक विचारों का प्रवाह बढ़ सकता है। जन्मदिन का समय खुशी और उत्सव का होता है। रात को जन्मदिन मनाने से व्यक्ति का उत्साह कम हो सकता है और वह उदास या चिंतित महसूस कर सकता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये केवल कुछ मान्यताएं और विचार हैं। रात को जन्मदिन की शुभकामनाएं देना या न देना पूरी तरह से व्यक्तिगत निर्णय है। यदि आप इन मान्यताओं को मानते हैं तो आपको रात को जन्मदिन की शुभकामनाएं नहीं देनी चाहिए। यदि आप इन मान्यताओं को नहीं मानते हैं तो आप अपनी इच्छानुसार रात को भी जन्मदिन की शुभकामनाएं दे सकते हैं।
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