आजकल यह मुद्दा छाया हुआ है लोगो की उत्सुकता अभी केवल शब्द का अर्थ समझने तक ही सीमित लग रहा है और विशेषज्ञों का रूख लोगों को इसके बारे में जागरूक करने में है। मेरे ये कहना है कि जबसे डीटूएच टीवी आया है तब से फ्री—टू—एयर चैनल देखने के लिये भी केबल आॅपरेटर्स को भुगतान करना पड़ रहा है। केबल न्यूट्रेलिटी के लिये भी जागरूकता की शुरूआत होनी चाहिये।
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