बहुत दिनों से या कहें कि बहुत वर्षों से कुछ सवाल मन में उठते हैं जैसे कि भले ही पूरे भोपाल में साल में एकाद बार ही नशे में फोरव्हीलर गाड़ियों के ड्रायवर्स की जांच होती हो, भले ही नियमों को ताक पर रख कर नो एंट्री टाइम में डम्परों को शहर में प्रवेश दिया जाता हो, भले ही अवैध होडिंग्स लगे हो जिन पर गैलेमर से भरपूर चित्र लगे हों, भले ही प्राइम लोकेशन की रोडों पर आधे—आधे फीट के गड्डे लोगो की जान के लिये आफत साबित हो रहे हों लेकिन जुर्माना वसूला जाता है केवल दुपहिया वाहनों के राइडरों से जो कि हेलमेट नही पहनते। मैने स्वयं और दूसरों पर सर्वे किया है कि ये जो हेलमेट हमारे आसपास मिलते हैं उन्हें हम जब पहनकर वाहन चलाते हैं उस समय हमें साइट का नही दिखता ये बात आपने भी अनुभव की होगी। नीचे जो न्यूज पेपर कटिंग लगी हुई है उसमें जो आदेश जारी करने की बात कही गई है, काश ऐसा ही एक आदेश फोरव्हीलर और हेवी ट्रकों के ड्रायवरो के लिये भी जारी किया जाना चाहिये जिन्हे डीजल या पेट्रोल देने से पहले ये जांचा जाये कि उन्होंने किसी मादक पदार्थ का खासतौर से शराब का नशा तो नही किया है।
22 march 2015 |
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