न्यूजपेपर्स में जो तांत्रिकों के क्लासिफाइड में ढेरो विज्ञापन प्रतिदिन छपते हैं उनसे ही महिलाओं और बच्चों पर अपराध बढते हैं। और आवश्यकता काॅलम में जो 10 से 20 हजार प्रतिदिन कमाओं लडके लडकियों की मसाज करने के लिये जरूरत है वाले विज्ञापन भी लोगों को लूट रहें हैं। रही सही कसर वो लोन वाले विज्ञापन पूरी करते हैं। इनके खिलाफ कौन आवाज उठाएगा ?
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