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सोमवार, 29 अप्रैल 2013

खजाने का पता

Boost your immune system with yoga
कल संडे को करीना कपूर अभिनीत हीरोइन फिल्म देखी फिल्स देखते हुऐ लग रहा था जैसे कि यह कोई सिगरेट का विज्ञापन चल रहा है जिसमें कि युवतियों को सिगरेट और मदिरा पीने के लिये उत्साहित किया जा रहा है। उस फिल्म में हीरोइन जरा कि बात पर तनाव पाल बैठती है और तनाव के पल में उसे सिगरेट और मदिरा पीते हुये दिखाया गया है और ढेर सारे मेकअप युक्त सीन और बिना मेकअप से सीन। इससे ऐसा संदेश लगा कि युवतियों को तनाव में बिना मेकअप के रहकर व्यसन पाल बैठने चाहिये और जब वह पब्लिक  में जाती है तो मेकअप कर लेना चाहिये।

ऊपर के पैरे को पढ़कर आप ये न विचार करें कि मै इस फिल्म की आलोचना कर रहा हॅंू ये इस पोस्ट से संबंधित तथ्य है इसलिये इसका जिक्र किया गया है।
हमारे देश में ऐसे बहुत से मुकदमें अदालतों में पेंडिंग है जिसने दवा कंपनियों पर आरोप लगाये गये हैं कि उन्होंने बिना बताये मरीजों पर दवा परीक्षण किये जैसे चूहों और अन्य जीव पर किये जाते हंै। होता भी ऐसा ही है अभी पिछले वर्ष भोपाल गैस पीडि़तों के लिये जो आलीशान हॉस्टिपल बना है वहाँ भी ऐसे ही मामले सामने आये जिनमें कि मरीजों ने दवा परीक्षण में अपने प्राण गंवाये। और ये दवा परीक्षण बिना किसी अनुमति और मरीजों को बताये किये गये। अब बात आती है कि आखिर हम इनसे कैसे बच सकते हैं हम सरदर्द के लिये फलां गोली, बदन दर्द के वाम और नींद आ आये इसके लिये दुनिया भर का कचरा खाते हैं कचरा इसलिये कि जो दवाईयां विकसित देशो में बिक्री के लिये प्रतिबंधित है वे हमारे यहाँ के बाजार में खपाई जाती है और हम खाते जरूर हैं क्योकि दुकानों और झोलाछाप डाक्टर तक इन दवाईयों की पहुंच होती है जिसके साइड इफेक्ट्स भी होते हैं लेकिन न तो इस बारे में उस दवाई पर प्रिंट होता है न ही उस डाक्टर को पता होता है और हम तो उन चूहे की तरह होते हैं जिन पर एक तरह से इनका परीक्षण चल रहा होता है गुपचुप तरीके से।
इन सबसे बचने का एक तरीका है और वही है खजाने का पता जो कि इस पोस्ट का शीर्षक है जिसे शब्दों में बताना कठिन लग रहा है लेकिन ये एक कोशिश है। जिससे हम दूसरों को तो बाद में पहले स्वयं को बचा सकते हैं जैसे प्रतिदिन घड़ी में ५ बजते हैं और सूर्योदय होता है बिना नियम तोड़े वैसे ही हम भी प्रात: पांच बजे या आसपास के समय में उठकर हृदय के लिये थोड़ा दौड़े या मार्निंग वॉक करें, शरीर की मांसपेशियों को थोड़ा हल्के व्यायाम या कुछ योगासन द्वारा चुस्त करें और अपनी जीवनी शक्ति को मजबूत करें प्राणायाम द्वारा जो कांक्रीट की दीवार की भांति छोटे मोटे और कभी कभी तो बड़े रोग और तनाव से होने वाले दर्द को सहन करने की शक्ति हमारे शरीर को प्रदान करता है। सबसे पहले तो प्रतिदिन बिना किसी को बताये जल्दी उठने की आदत डालें फिर घर की बालकनी या छत पर एक कोना तलाशे जहाँ आप व्यायाम कर सकें और बिना किसी व्यवधान के प्राणायाम। फिर जो प्रतिदिन आस्था चैनल पर सुबह ७ बजे बाबा रामदेव जी द्वारा जो योग और योगासन सिखाया जाता है उसे अपनी सुविधा अनुसार करने का प्रयत्न करें एक दिन आप स्वयं अनुभव करेंगे कि आपको एक खजाना मिल गया है जैसा कि मैने कहा इसे शब्दों में बताना कठिन है ये केवल एक हिन्ट या संकेत है इस पोस्ट में पता तो बता दिया खजाने का लेकिन पहुंचना आपको है। थोड़ा ध्यान, सत्संग, आयुर्वेद की ओर रूचि बढ़ा कर और आध्यात्म की कुछ किताबें पढ़ लें तो और उत्तम होगा। लेकिन याद रखें सतत् प्रयास  बिना नागा किये, और बिना रायता बगराये यानि अपनी पब्लिसिटी न करें की आप भी इस ओर चले पडे हैं। धन्यवाद।






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