हाइवे पे कलारियाँ, डाबों पर रात की मदमस्त पार्टियाँ,
और शहरवासियों की आँखों में आँसू क्यो हैं, इस शहर में हर प्रशासनिक वेसुध क्यो हैं,
मर रहें हैं रोज-रोज घर के चिराग, और भविष्य देश के,
फिर भी ये प्रशासनिक एक-दूसरे का मँुह देखते क्यो हैं।
गड्डे भरने के निकलते हैं टेंडर्स, पर न जाने ये गड्डे खाली क्यों हैं।
स्कूल से निकलते हैं मासूम, पर घर से पहले श्मशान पहँुचते क्यों हैं।
-भगत सिंह पंथी
*कलारियाँ : वाइन शॉपस्
भोपाल की सड़के वर्ल्ड रिकार्ड बनाने में हमारी सहायता कर सकती हैं, क्यों न हर वो प्राणी वर्ल्ड रिकार्ड के लिये एप्लाई करे जो इन जानलेवा गड्डों में सफलता पूर्वक गाड़ी चलाता है और किस्मत से रोज घर, आॅफिस आदि जगह पहँुच पाता है।
मध्यप्रदेश शासन के पास एक सुनहरा अवसर है, वह बड़ी-बड़ी आॅटोमोबाइल कम्पनियों को भी आमंत्रित कर सकती है भोपाल की रोडों पर अपनी कारों, ट्रकों, ट्रेक्टरों, वाइक की गुणवत्ता जाँचने के लिये। ये कंपनियाँ इन गड्डों पर गाड़ी टेस्ट कर ये तय कर सकती हैं कि वे कौन से घटिया टायर ट्यूब, वेयरिंग आदि अपनी गाड़ी में न यूस करें। और जब ये कंपनियाँ अपनी गाड़ी इन रोडों पर टेस्ट कर लें तो शासन को एक सर्टिफिकेट भी देना चाहिए जिस पर लिखा हो.
मध्यप्रदेश शासन (हमारे गड्डे हमारी पहचान)
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8 april 2015 |
पिछले २ दिन से पेपर में पढ़ रहा हूँ भोपाल में डम्फर की चपेट और स्कूल बस के नीचे आने से एक्सिडेंट से एक कॉलेज स्टुडेंट और एक बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई इससे पहले पिछले हफ्ते एक प्रोफ्फेसर भी इसी तरह की दुर्घटना में मारे गए. और हमारे प्रसासनिक अधिकारी हेलमेट को न पहना इसका कारन मन रहे है. (कल जो बच्चा डम्फर की चपेट में आया वह तो न गाड़ी पर था और न बीच रोड पर वह तो आपनी माँ से साथ बस के इन्तेजार में सड़क किनारे खड़ा था ) और १० मई से हेलमेट लागू कर रहें है. और अपना पल्ला झाड रहे हैं. क्या हेलमेट पहना आदमी डम्फर के नीचे आने पर मरेगा नहीं? नगर निगम को सड़कों पर गड्डे खोदने का टेंडर जारी करने से कौन रोकेगा? जो ११मिल बायपास की जो हालत है उसके जिमेदारों को न जाने कैसे सजा मिलेगी? आप सभी का एक्सपेरिएंस होगा की जब हम हेलमेट पहनते है तो हमें साईट से आने वाले वाहन का आभास कुछ देर से होता है
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नगर निगम न जाने क्यों भोपाल को लेकसिटी से गड्डासिटी बनाने पर तुली हुई है, अभी तक तो हमारे घरों के सामने ही गड्डे खोद कर खुला छोड़ रही थी अब ये भा जा पा कार्यालय के सामने भी चालू हो गई |
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26 sept11 bhaskar bhopal |
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6 july12 |
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27 june12 bhaskar bhopal
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05 march 2015 |
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24 nov 2012 bhaskar bhopal
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यही तो दुःख है की प्रशासन को कोई चिंता नहीं है आमजन की।
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