

क्या आपको पता है कि प्लास्टिक के इन गलास में गर्मा गर्म चाय डालने पर इस प्लास्टिक में उपस्थित बीपीए (bisphenol A or BPA) नामक एक जहलीरा केमिकल एक्टिव हो जाता है जो एक लम्बे समय तक एक प्लास्टिक की बॉटल को उपयोग में लाने पर एक्टिव होता है। पॉलीकार्बोनेट जो कि प्लास्टिक बनाने में प्रयोग होता है यदि मनुष्यों की धमनियों में प्रवेश कर जाता है तो इससे मनुष्य की सोचने समझने की शक्ति या स्मरण शक्ति जाती रहती है और यदि गर्भास्था में स्त्रियों को यदि आप इसी गलास में चाय देते हैं तो उनके होने वाले बच्चों में इसका असर बहुत जल्दी देखने को मिलता।
मुझे एक बात और समझ में नही आती है कि बड़ी-बड़ी ब्रांडेड कम्पनियाँ अपनी पानी की बॉटल पर यह लिखती है कि कृपया कर उपयोग के बाद नष्ट कर दें या फेंक दें उन्हीं कम्पनियों का पानी जो हमारे आॅफिस में लगभग रू 90-120 में आता है, हम सभी अपने आॅफिस में बार-बार उपयोग की गई बॉटलों से ही आनेवाले पानी को पीते हैं हमें पता ही नही होता कि कौन-कौन से केमिकल पानी को शुद्ध करने में प्रयोग किये गये हैं। कभी-कभी आपको इस पानी का स्वाद कड़वा लगता होगा इसका मतलब है उस दिन कम्पनी ने पानी को शुद्ध करने के लिये ज्यादा मात्रा में केमिकल का उपयोग किया है।
मै ये जानकारी देकर आपको डरा नही रहा हॅूँ, आप सोच रहे होगें कि अब क्या कर सकते हैं चाय तो पीनी ही होती है लेकिन आप इस प्लास्टिक के गिलास में चाय नही पीयेगे ये दुकान को आवश्यक कह सकते हैं। रही आॅफिस में आने वाले पानी की बात तो पहले पता कर लिजिये की पानी ब्रांडेड कम्पनी का ही है या केवल ब्रांडेड कम्पनी का लेवल ही बॉटल पर लगा है। और इससे ज्यादा में आपको पका नही सकता हँू क्योकि मै कोई वैज्ञानिक नही हूँ मै भी इन प्लास्टिक के गलास में चाय पी-पी कर परेशान हो चुका हँू। कहॉं गये वो कुल्हड़ और कॉंच के गिलास
हर जगह जरा जरा सा जहर है :)
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