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गुरुवार, 3 अक्तूबर 2024

अमीर गरीब का फर्क

 यह भी एक तरह का भ्रष्टाचार है बचपन में जब सदा लिफाफा पोस्ट किया जाता था तो उसकी गारंटी नहीं होती थी कि पहुंच जाएगा लेकिन यदि उस पर टिकट लगा दिए जाते थे तो थोड़ी गारंटी रहती थी पहुंच जाएगा लेकिन रजिस्टर डाक से भेजा जाता था तो पूरी गारंटी रहती थी पहुंच जाएगा । आज की डेट में भी यही हो रहा है स्पीड पोस्ट से कंफर्म होता है कि पहुंच जाएगा यही हाल सिस्टम का है पैसा फेंको और तमाशा देखो। उस समय गरीब आदमी सादा लिफाफा पोस्ट करता था। और अमीर टिकट लगाकर।

जब देश में गरीब आदमी जनरल डब्बे में यात्रा करता है और अमीर एसी में तो फिर जब गरीब आदमी वोट देता है तो उसे वोट को 25% माना जाना चाहिए जब चार गरीब वोट दें तब उसको एक वोट माना जाना चाहिए और जब एक अमीर वोट दे तो उसे पूरा एक वोट ही मनना चाहिए।

जब हर तरह से कभी गरीब और अमीर में अंतर और सुविधाओं में अंतर किया जाता है तो वोट को एक क्यों माना जाता है वोट भी गरीब का अलग होना चाहिए आमिर का अलग। 

अंधविश्वास से दूर रहकर

 मोहल्ला डीजे गरबा फालतू की चुतीयापाई से दूर रहे । नवदुर्गा का त्यौहार हमारे नो चक्रों को जागृत करने का 9 दिन का त्यौहार होता है इस समय अपने गुरु मंत्र का जाप शांतिपूर्वक एकांत जगह पर अपने घर में करें। हु हा के चक्कर में ना पड़े सात्विक भोजन करें। जब गणेश जी किसी के शरीर में नहीं आते हैं तो देवी कैसे आ सकती हैं थोड़ा अपने दिमाग का यूज करें । फालतू के अंध विश्वास में ना पड़े खाने की चीजों को टोने टोटके करने के चक्कर में चौराहे  पर ना फेक गरीबों को दान करें। गुरु मंत्र जाप करने से पहले समझे कि वह तांत्रिक मंत्र है या गुरु मंत्र ओरिजिनल है । हर किसी को अपना गुरु ना बनाएं

अहिंसा की जरूरत बहुत ज्यादा है

 हमारा देश 200 साल तक अंग्रेजों के अधीन रहा मै यह नहीं कहूंगा कि गुलाम रहा हम लोग स्वतंत्रता का अनुभव पूरी तरह से नहीं कर पाए बचपन में मैं सोचता था कि हमारे देश में इतने साधु महात्मा शाप देने वाले साधु, काला जादू और बड़े-बड़े जादूगर मौजूद थे तो इन लोगों ने अपनी शक्ति क्यों नहीं दिखाई इन दोनों ने अपनी शक्ति इसलिए नहीं दिखाई क्योंकि पूरी जनता सोचती रही कि शायद दोबारा कोई अवतार ले और जनता आज की डेट में नगर निगम में और पार्षद से अपने एरिया की समस्याओं के बारे में बात करने में डरती है । उस तरह के लोग उस समय भी मौजूद थे मात्र इच्छा शक्ति थी कुछ लोगों में जो अंग्रेज से जूझ गए।

एक तर्क यह भी है कि उस समय के पुल और रोड्स आज भी वैसे के वैसे हैं। उस समय तो शायद और अच्छे होंगे शायद इसीलिए भी जानता टैक्स देने और समस्याओं के बारे में जागरूक नहीं होगी की समस्या दिखाई देती नहीं होगी जितना टैक्स दिया जाता होगा। इतनी सुविधा मिलती होगी। भ्रष्टाचार नाम मात्र का भी नहीं होता होगा। आज भी हमारे देश के लोग स्वतंत्र हैं लेकिन हिंसक प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटते और हमारे ही देश के खिलाफ विदेश में भी बोलते हैं और देश में भी बोलते हैं सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है लोगों की पर्सनल संपत्ति को जला दिया जाता है मेरा यह ब्लॉग लिखने का उद्देश्य यह है कि आज हमें अहिंसक होने की जरूरत है क्योंकि आज हम अंग्रेजों के अधीन नहीं है हम अपने देश की समस्याओं को सरकार पर छोड़कर वह शांतिपूर्वक प्रदर्शन करके एक लंबे समय बाद उसका समाधान पा सकते हैं तो हम हिंसक प्रदर्शन क्यों करें । हम गांधी जयंती के दिन यह प्रण करें की हिंसक प्रदर्शन किसी भी दशा में ना करें क्योंकि हम अंग्रेजों के खिलाफ कोई प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं हम अपने देश की समस्याओं को सरकार के सामने रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं कोई हमें गुलाम बनाने के लिए सरकार हम लोगों ने नहीं बनाई है तो फिर हम क्यों हिंसक प्रदर्शन करें।