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सोमवार, 20 फ़रवरी 2017

सफेद कमाई उर्फ कालाधन

मै यहां काले धन की परिभाषा न समझाते हुऐ आप सभी का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि जो बडे—बडे मॉल्स में सेल लगती है या आॅनलाईन सेल होती है उनमें कीमते होती है 299, 399, 9999 इत्यादि जबकि हम लोगों को भुगतान करना होता है 300, 400, 10000 और बिल मिलता है 299, 399, 9999 का और आयकर विभाग भी इन बिलो के आधार पर ​ही टैक्स का आंकलन करता है मतलब जो प्रत्येक ​​सिंगल आइटस के बिल पर जो 1 रू की कमाई होती है उसका कोई रिकार्ड ही नही।
ऐसे ही हम देखते हैं पेट्रोल पम्प पर काम करने वाले कमाई करते हैं,  लोग सरकारी नौकरी करते हुए पंडिताई कर रहे हैं, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बना कर किराये से ही 30 से 50 हजार माह तक कमा रहे हैं। 
एक शादी में एक पंडित की कमाई तो आप जानते ही होंगे कितनी होती है।
सबसे ज्यादा खुली शक्तर में किराना दुकानदार कीमते कम ज्यादा होने पर लम्बा मुनाफा कमाते हैं। मै देखता हूं यहां भोपाल में ही महापौर और मुख्यमंत्री जी के नाक के नीचे अवैध पार्किंग शुल्क वसूला जाता है। नगर नि​गम के ठेकेदारों द्वारा जैसे मान लिजिए दोपहिया पार्किंग शुल्क है 5 रूपये तो कमार्इ् है 10 रूपये।
आपको लग रहा होगा कि मै यहां बहुत ही न ध्यान देने वाली बाते कर रहा हूं जिसे कि मुझे इंग्नोर कर देना चाहिये। लेकिन इंकम टैक्स वालो को नींद से जगाना जरूरी है।
और भी लिखना ​बाकी है लेकिन न आपके पास टाईम है पढने का न मेरे पास समय लिखने का।
21 feb 2017 bhopal bhaskar



1 टिप्पणी:

  1. खूब ध्यान दिलाया आपने भगत सर जी। हम भारतीय लोग ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देते है, जबकि हम लोगों का ध्यान इस पर जाना ही चाहिए। सादर।।

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