यात्री बसों के ड्रायवरो के लिये भी ट्रेनिंग अनिवार्य शर्त होनी चाहिये
पिछले 15 दिनों से न्यूज में स्कूल बसों एवं यात्री बसों के ड्रायवरों द्वारा जाने अनजाने या कहें कि पूरी असावधानी में एक्सीडेंट हुए हैं। जो कि अनेक लोगों की अकाल मौत का कारण बने हैं। इन सभी एक्सीडेंटस को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। यदि प्रशासन या सरकार ये कानून लागू कर दें कि यदि
1. बस ड्रायवर शराब के नशे में एक भी बार ड्रायविंग करते पाया जाता है या वो आदतन शराबी है तो उसे हेवी लायसेंस से वंचित रखा जाये।
2. यदि कोई स्कूल बस बच्चो को बिना गेट बंद किये यात्रा कर रही है या उसमें जीपीएस नही लगा है। तथा जिसका ड्रायवर या कंडक्टर 35 साल के कम उम्र का बिना अनुभवी ड्रायवर है तो उस बस कंपनी पर भारी जुर्माना हो।
और भी सलाह मै यहां देना चाहता हूं लेकिन अभी समय की कमी है
![]() |
3 april 2015 |
![]() |
5 april 15 |
![]() |
5 april 15 |
![]() |
6 april 15 |
![]() |
6 april 15 |
लेबल: news paper cutting, Social Topics
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें
सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें [Atom]
<< मुख्यपृष्ठ