हमारे संविधान में सबको समानता का अधिकार है लेकिन जहां पर सेक्स रैकेट की बात आती है वहां पर पुरुषों के फोटो वीडियो पूरे न्यूजपेपर और मीडिया में जारी कर दिए जाते हैं जबकि खुलेआम धंधा करने वाली लेडीस के ना तो फोटो छापे जाते हैं ना उनके नाम सही छापे जाते हैं अभी भोपाल में जो मर्डर हुआ कॉल गर्ल का ना तो उसकी फोटो छपी वह जो यह लेडिस यह धंधा करवा रही थी ना उसकी फोटो छपी जबकि वह फरार की लिस्ट में थी। पुरुषों की मां बहन होती हैं और उन पुरुषों की वजह से उनकी भी बदनामी होती है गवर्नमेंट यह क्यों नहीं सोचती। पहली बात तो यह है कि जो क्राइम कर रहा है उसको जनता के सामने लाना जरूरी है भले महिला हो चाहे पुरुष हो। वहां कोई देश के लिए सीक्रेट मिशन पर तो नहीं है कि इस वजह से आप उनका फोटो नहीं छप रहा हो।
सही बात
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