पहले के युगों में कोई कानून कायदा था नहीं रावण को मारो चाहे कंस को कोई कानून के चंगुल में नहीं फसता था। इस युग मे राम हो चाहे रावण सबको कानून के बंधन में रहना पड़ता है। अभी भी बहुत सारी सुपनखा मौजूद है लेकिन उनको टच करने में ही आप कानून के दायरे में आ जाएंगे। नाक काटने की तो बात बहुत दूर की है। बस एक चीज है कि दुशासन को कोई भी सजा दे सकता है। चलते-फिरते। उन युगों में बहुत सारी पत्नियां खून चूसने के लिए रहती थी यहां तो कानूनंन एक ही होती है। पहले एक ke तानो से छुटकारा पाना है तो दूसरी के पास चले आओ। यहाँ तो एक से छुटकारा पाने के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़ेंगे। लोग सतयुग की बातें करते हैं लेकिन उन्हें अपनाना कोई नहीं चाहता । कोई बेटा नहीं चाहता कि उसके पिताजी की चार पत्नियों हो।
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