जागों रे
हमारे हिंदुओं के त्योहारों को कुछ रंगे सियारों और बगुला भक्तों ने अपने बिजनेस के लिए महोत्सव में कन्वर्ट कर दिया है यह महोत्सव पब्लिक पब्लिसिटी की मदद से मनाते हैं और उनमें इनकी कमाई होती है अरे हिंदुओं जागो। रात दिन गाना सुनने से कुछ नहीं होगा जागना पड़ता है अपने त्यौहार अपने घर में मनाओ मंदिर में दर्शन करो लेकिन इनके झांसे में मत आओ
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