मां को लगता है बड़ा होकर बेटा उनको धोखा दे रहा है अपने पास नहीं रख रहा है। यह मां की गलतफहमी है। क्योंकि यह बीज मां ही बोती है। जब पिता घर में नहीं होते हैं तो रिश्तेदारों से उसके पिताजी की बुराई करती है वह सोचती है कि बच्चे भी मेरी तरह बड़ा होकर पिताजी की बुराई करेंगे लेकिन बच्चों की खास तौर पर बेटे की दिमाग की बत्ती शादी के बाद जल जाती है वह मां की सच्चाई जान जाता है की जो पिता और रात दिन हमारे लिए इतना कष्ट सह के। दिन भर इतनी मेहनत करता है मां उसी की बुराई रिश्तेदारों से और हमसे करते रहती थी।
यह सत्य घटना पर आधारित एक कहानी है जिसमें एक महिला ने त्रिया चरित्र होते हुए अपने पति के सामने शर्त रखी के वह जब बच्चों को उसके हवाले करेगा तभी वह तलाक देगी। बच्चों को उसने रख तो लिया और रात दिन पिता के बारे में जहर भरा ।लेकिन जब बच्चे बड़े हुए उन्हें सब सच्चाई समझ में आ गई की मां गलत थी। पिताजी सही थे । और उन लोगों ने अपनी मां को लगभग छोड़ दिया आज वह स्त्री अकेली रहती है इतना पैसा होते हुए भी बच्चे उसके पास नहीं रहते।
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