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सोमवार, 1 अप्रैल 2024

आप इनसे इनकी विपरीत उम्मीद कैसे रख सकते हैं

 आप इनसे इनकी विपरीत उम्मीद कैसे रख सकते हैं

 जब कोई व्यक्ति सत्संग में जाता है तो वह अच्छी बातें सीखकर आता है और बाहर आकर अपने परिवार को और बाहर के मिलने  वालों को वही चीज बताता है जो वहां सत्संग में सुनकर आया है। और यही सब है वह अपने जीवन में उतरने की कोशिश करता है।

 अब जो व्यक्ति रोज  मयखाने में जा रहा है शराब पी रहा है शराब की दुकान पर जा रहा है चार व्यक्तियों के बीच में बैठकर नशा कर रहा है वह उस चीज का जो बुरापन है अपने परिवार में आकर निकालता है और राह चलते लोगों से तथा समाज के लोगों के बीच में क्राइम करके बताता है कि वह किस तरह का हो चुका है।

 और आप इसी तरह जो महिलाएं रात दिन सोशल मीडिया पर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर जो वेब सीरीज दिखाई जा रही हैं टीवी में सीरियल में जो औरतों का त्रिया चरित्र दिखाया जा रहा है उसे ग्रहण करती जा रही हैं और अपने परिवार में वही चीज़ दोहरा रही हैं। अब हम किस तरह से एक अच्छे समाज की उम्मीद कर सकते हैं जो चीज बुरी है हमें उसका तिरस्कार करना होगा। और सरकार को भी समझना होगा कि किस क्षेत्र में शराबबंदी की जानी चाहिए और किस क्षेत्र में नहीं जो लोग धनवान लोग हैं उनका शराब पीना जायज है लेकिन जो लोग उतना कमाते हैं जितना उनसे पेट भर पता है और वह उसी में से हिस्सा निकाल कर अपने बच्चों का। उससे दारू पियेंगे तो कहां समाज सभ्य हो पाएगा। 

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