हमारे हिंदू धर्म में जितने भी बड़े-बड़े आचार्य लोग हैं सब को मिलकर एक कानून बना देना चाहिए कि हिंदू धर्म के किसी भी त्यौहार में नेतागिरी नहीं होगी कोई भी नेता धार्मिक कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा यहां तक की बाबा लोग भी अपने कार्यक्रम में आश्रम में नेताओं को जनता के बीच में इनवाइट नहीं करेंगे फिर देखिए आप कैसे हमारे देश में नेता अपने काम के जरिए जनता में जाएंगे ना की धार्मिक इमोशनल के थ्रू। अभी तुरंत कानून लागू करने की जरूरत है कि धार्मिक कार्यक्रम में डीजे बजाने पर उस डीजे को जप्त कर लिया जाए धार्मिक त्योहारों को मजाक बना कर रखा हुआ है बुजुर्ग और बच्चे शामिल होने से डरते हैं क्योंकि उनके कान की बैंड बज जाती है। बोगस फिल्मी गानों और कबालियो को भजन में कन्वर्ट नहीं किया जाए आदमी की इमेजिनेशन वही होती है जो हिंदी फिल्मी गाने में होती है ना कि उसमें भगवान के प्रति श्रद्धा पैदा होती है किसी भी भजन में कोई भी गायक भगवान को तू कह कर संबोधित ना करें जैसा कि आजकल भजनों में हो रहा है। भगवानों पर जो कार्टून फिल्में बन रही है तुरंत बंद किया जाए हिंदू धर्म पर कोई भी सीरियल या फिल्म बने उसे हिंदू धर्म की सर्वोच्च संस्था से प्रमाण पत्र लिया जाना चाहिए कि उसमें कोई आपत्तिजनक चीज नहीं है तभी हम अपने हिंदू धर्म की प्राचीनता और सैद्धांतिकता का बचाव कर सकते हैं। हिंदू मंदिरों के आसपास जो लोग अमीर बनने की चाह में दूसरे धर्म का चोंगा हटाकर हिंदू धर्म का भगवा पहनकर भीख मांग रहे हैं उनके आधार कार्ड चेक होने चाहिए। आजकल मंदिरों में पंडितों और छोटे भैया नेताओं की और वहां के विधायक की फोटो वाले फ्लेक्स लगे होते हैं इस तरह का कानून होना चाहिए कि हिंदू मंदिरों में भगवान के कार्यक्रम के अलावा किसी भी तरह का कोई पब्लिसिटी नहीं होगी यहां तक की पर्चे में भगवान की फोटो के अलावा किसी दूसरे की फोटो नहीं होगी। किसी भी तरह की पूजन सामग्री पर भगवान की फोटो नहीं लगाई जाए संबंधित व्यापारी का कंपनी का लाइसेंस निरस्त किया जाए या उसके प्रोडक्ट पर परमानेंट बैन लगाया जाए।
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