पृष्ठ

गुरुवार, 3 अक्तूबर 2024

अहिंसा की जरूरत बहुत ज्यादा है

 हमारा देश 200 साल तक अंग्रेजों के अधीन रहा मै यह नहीं कहूंगा कि गुलाम रहा हम लोग स्वतंत्रता का अनुभव पूरी तरह से नहीं कर पाए बचपन में मैं सोचता था कि हमारे देश में इतने साधु महात्मा शाप देने वाले साधु, काला जादू और बड़े-बड़े जादूगर मौजूद थे तो इन लोगों ने अपनी शक्ति क्यों नहीं दिखाई इन दोनों ने अपनी शक्ति इसलिए नहीं दिखाई क्योंकि पूरी जनता सोचती रही कि शायद दोबारा कोई अवतार ले और जनता आज की डेट में नगर निगम में और पार्षद से अपने एरिया की समस्याओं के बारे में बात करने में डरती है । उस तरह के लोग उस समय भी मौजूद थे मात्र इच्छा शक्ति थी कुछ लोगों में जो अंग्रेज से जूझ गए।

एक तर्क यह भी है कि उस समय के पुल और रोड्स आज भी वैसे के वैसे हैं। उस समय तो शायद और अच्छे होंगे शायद इसीलिए भी जानता टैक्स देने और समस्याओं के बारे में जागरूक नहीं होगी की समस्या दिखाई देती नहीं होगी जितना टैक्स दिया जाता होगा। इतनी सुविधा मिलती होगी। भ्रष्टाचार नाम मात्र का भी नहीं होता होगा। आज भी हमारे देश के लोग स्वतंत्र हैं लेकिन हिंसक प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटते और हमारे ही देश के खिलाफ विदेश में भी बोलते हैं और देश में भी बोलते हैं सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है लोगों की पर्सनल संपत्ति को जला दिया जाता है मेरा यह ब्लॉग लिखने का उद्देश्य यह है कि आज हमें अहिंसक होने की जरूरत है क्योंकि आज हम अंग्रेजों के अधीन नहीं है हम अपने देश की समस्याओं को सरकार पर छोड़कर वह शांतिपूर्वक प्रदर्शन करके एक लंबे समय बाद उसका समाधान पा सकते हैं तो हम हिंसक प्रदर्शन क्यों करें । हम गांधी जयंती के दिन यह प्रण करें की हिंसक प्रदर्शन किसी भी दशा में ना करें क्योंकि हम अंग्रेजों के खिलाफ कोई प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं हम अपने देश की समस्याओं को सरकार के सामने रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं कोई हमें गुलाम बनाने के लिए सरकार हम लोगों ने नहीं बनाई है तो फिर हम क्यों हिंसक प्रदर्शन करें।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें