सोमवार, 31 दिसंबर 2012
शुक्रवार, 28 दिसंबर 2012
हिंदी बारहखड़ी
हिंदी बारहखड़ी hindi barakhadi pdf hindi barakhadi
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शुक्रवार, 21 दिसंबर 2012
ग्राफिक्स डिजायनिंग हेतु क्लिपार्ट-2
Indian Clipart for Graphic Designing, क्लिप आर्ट, ग्राफिक डिजाइनिंग, ग्राफिक्स, indian cliparts, डिजाइनिंग, ornamental fonts
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शनिवार, 1 दिसंबर 2012
गुरुवार, 22 नवंबर 2012
कोरल-ड्रा में कैसे किसी फाइल के सभी पैजेस की एक साथ जेपीजी या अन्य फार्मेट में फाइल बनायें
कोरल-ड्रा में कैसे किसी फाइल के सभी पैजेस की एक साथ जेपीजी या अन्य फार्मेट में फाइल बनायें या कोरल ड्रा में कैसे किसी डॉकूमेंट के सभी पैजेस को एक साथ एक्सपोर्ट करें।
how to export a document as jpeg in coreldraw
सबसे पहले तो जिस फाइल के सभी पैजेस की आपको जेपीजी या अन्य फार्मेट में फाइल बनानी है उसे कोरल में ओपन करें
how to export a document as jpeg in coreldraw
सबसे पहले तो जिस फाइल के सभी पैजेस की आपको जेपीजी या अन्य फार्मेट में फाइल बनानी है उसे कोरल में ओपन करें
मंगलवार, 20 नवंबर 2012
ओशो की अमृतवाणी
ओशो की अमृतवाणी ऑडियो फॉर्मेट में डाउनलोड करें osho hindi audio download
http://www.oshoworld.com/discourses/audio_hindi.asp
http://www.oshoworld.com/discourses/audio_hindi.asp
सोमवार, 19 नवंबर 2012
मंगलवार, 16 अक्तूबर 2012
सपने Dreams
जिन्हें हम भविष्य के सपने कह रहे हैं यदि गहरे से सोचे तो वे हमारी कल्पनाएँ हैं जो की हम पूरे होसो हवाश जागते में करते हैं. सपने जो हमने देखे थे नीद में वे अन प्लान होते हैं. और कभी कभी हमे लगता है की जैसे बीता वक्त जैसे सपने की तरह हमने जिया वह या तो बहुत बुरा वक्त होता है या बहुत ही अच्छा वक्त.
मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012
ग्राफिक्स डिजायनिंग हेतु क्लिपार्ट-1 Indian Clipart
Indian Clipart for Graphic Designing, क्लिप आर्ट, ग्राफिक डिजाइनिंग, ग्राफिक्स, indian cliparts, डिजाइनिंग, ornamental fonts
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शनिवार, 29 सितंबर 2012
मंगलवार, 25 सितंबर 2012
चार रोटी का महत्व "Bas Yaari Rakho"
"बस यारी रखो" फिल्म सन्डे को के DD लोक सभा चैनल पर देखी चार रोटी का महत्व समझ आया
सोमवार, 10 सितंबर 2012
शनिवार, 8 सितंबर 2012
शुक्रवार, 7 सितंबर 2012
बुधवार, 5 सितंबर 2012
भरी बारिश, भूकंप और तूफान लाने की तकनीक
अमेरिका ने रेडियो वेव से संसार के किसी भी देश में भरी बारिश, भूकंप और तूफान लाने की तकनीक विकसित कर ली है
http://en.wikipedia.org/wiki/Cloud_seeding
http://en.wikipedia.org/wiki/Cloud_seeding
मंगलवार, 4 सितंबर 2012
वोटर को मत सताईये, जाकी मोटी हाय । एक बटन के छुअन से सीट भस्म हो जाये।। mango man (आम आदमी ) in bhopal
वोटर को मत सताईये, जाकी मोटी हाय ।
एक बटन के छुअन से सीट भस्म हो जाये।।
मै यहाँ भोपाल सिटी के नये हिस्से में निवास करता हँू यानि कि नये भोपाल में विचरण करता हँू चंूकि विचरण करना अनिवार्य है कर्म करने के लिये इसलिये घर से ऑफिस और ऑफिस से घर मात्र किसी अवकाश वाले दिन या संडे के दिन ही कुछ राहत मिलती है।
गुरुवार, 23 अगस्त 2012
स्वयं के शोषण के लिये समझौता करने की आदत न डालें say no to compromise habit
हम सभी ने अक्सर ये अनुभव किया है कि यदि किसी बात के लिये हम कोई समझौता कर लेते हैं तो वही और उसी तरह की बात के लिये हम अपने अंदर एक आदत विकसित कर लेते हैं या कहें कि हम उस तरह की बातों को आमंत्रित करते हैं अपनी ओर क्योंकि हमें उस बात से समझौता करने की आदत लग चुकी है। इस तरह हम दूसरे के द्वारा लगातार स्वयं को शोषण का शिकार बना रहे हैं जो कि हमारे आत्मसम्मान और हमारी अन्याय न सहने की शिक्षा के विरूद्ध है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो समझौता नही करते वे सोचते हैं कि उनके वगैर दुनिया नही चलेगी और ये सोचते हैं कि उनका इस समाज में या कार्यस्थल पर कार्य सुचारू रूप से चलेगा। लेकिन हमें इस स्थिति में न रह कर यह सोच विकसित करनी होगी कि हमारे बिना दुनिया चल सकती है और चल भी रही है कई महान पुरूषों और राजा महाराजाओं के जाने के बाद भी लेकिन दुनिया के वगैर हमारा जीवन दुष्कर हो जायेगा। इसलिये हमें पूर्णरूप से सामंजस्य बनाते हुये अपना जीवन व्यापन करना है हमारी जो जिम्मेदारियाँ हैं उन्हें निर्वाह करते हुये लेकिन हर जगह एक से अधिक बार समझौता करना एक तरह से अन्याय को बढ़ाना और दुष्ट प्रवृत्ति को सम्मान और विकास के अवसर प्रदान करना है। यदि जल भी समझौता कर लें अपने बहाव या अपने निरंतर आगे बढऩे के विरूद्ध तो वह एक ही जगह रूक कर सडऩे लगता है और अपनी दूसरों की प्यास बुझाने के गुण को खोकर गंदे नाले का रूप धारण कर लेता है जिससे लोग किसी तरह का स्पर्श नही करना चाहते। इसे हम एक कहानी के माध्यम से समझने की कोशिश कर सकते हैं-
मंगलवार, 21 अगस्त 2012
एक से एक मेहँदी डिजाईन देखें
एक से एक मेहँदी डिजाईन देखें
http://www.designsmag.com/2012/08/75-latest-mehndi-designs-collection/
http://www.designsmag.com/2012/08/75-latest-mehndi-designs-collection/
सोमवार, 20 अगस्त 2012
गहरे पानी पैठ
Open publication - Free publishing
शनिवार, 18 अगस्त 2012
आज का अर्जुन या एकलव्य
आज का अर्जुन या एकलव्य
Archery Legend Byron Ferguson @"Stan Lee's Super Human" TV show - History Channel
Archery Legend Byron Ferguson @"Stan Lee's Super Human" TV show - History Channel
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
मंगलवार, 31 जुलाई 2012
लव मैरिज या अरेन्ज मैरिज Love Marriage or Arranged Marriage?
मेरी इस पोस्ट का शीर्षक मै शुद्ध हिन्दी में लिखना चाहता था लेकिन मुझे अरेन्ज मैरिज की शुद्ध हिन्दी अपनी बोलचाल की भाषा में पता नही। मैने इस पोस्ट को लिखने से पहले एक सज्जन पुरूष जो कि एक अर्टिस्ट हैं से अरेन्ज और लव मैरिज के बारे के जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि अरेंज मैरिज सबसे अच्छी होती है क्योकि इसमें ससुराल के लोग अपने दामाद की बड़ी इज्जत या आदर सत्कार करते हैं, बुरे समय के वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराते हैं और तो और आपके परिवार और आपके ससुराल के पक्ष के लोग बड़े प्रेम से एक दूसरे की सहायता के लिये तत्पर रहते हैं जबकि प्रेम विवाह या लव मैरिज में इन सब बातों के अवसर बहुत ही कम मिलते हैं यदि पति पत्नि के बीच कभी कोई मनमुटाव हो जाये तो ससुराल पक्ष के लोग हमेशा आपको और अपनी बेटी को ही जिम्मेदार ठहराते हैं जबकि अरेंज मैरिज में वे ये चाहते हैं कि मनमुटाव को टाला जाये। लेकिन ये सच्चाई आये दिन न्यूज पेपर्स में जो हम खबरें पढ़ते हैं उनमें दिखाई नही देतीं। लोग एक पक्ष को दहेज के लिये प्रताडि़त करने का दोषी बताते हैं।
सोमवार, 30 जुलाई 2012
ब्लॉगर ब्लॉग में किसी विशेष लेवल की कुछ पोस्ट्स को कैसे दिखायें showing a label post in blogger
सबसे पहले Add a Gadget पर क्लिक करें
अब पर Feed क्लिक करें
अब अपने ब्लॉग की फीड इंटर करें तथा फीड के अंत में -/label ये टाइप करें इसमें लेवल label के स्थान पर अपने ब्लॉग के जिस लेबल की पोस्ट आप दिखाना चाहते हैं का नाम डालें
ओके करें और रिजल्ट देखें
http://hindisamaachar.blogspot.in/
शुक्रवार, 20 जुलाई 2012
अनुभव का पेचकस screw driver of experienced mechanic
पिछले एक सप्ताह से मेरी वाइक बड़ी परेशान कर रही थी। बार बार बंद हो रही थी तो मैने सोचा कि शायद कार्बोरेटर में पानी या कचरा आ गया होगा तो मैने उसे ड्रेन कर दिया। ड्रेन मतलब जो कार्बोरेटर के नीचे वाला स्क्रू होता है जिससे कि एक लटका हुआ खुला पाइप जुड़ा रहता है उसे खोला तो जो अवशिष्ट युक्त पेट्रोल कार्बोरेटर की तली में जमा होता है निकल जाता है। लेकिन इससे समस्या का अंत नही हुआ फिर मैने कार्बोरेटर में जो रेस बढ़ाने का स्कू्र होता है उससे रेस बढ़ाई ताकि गाड़ी बार बार बंद न हो लेकिन ये तरकीब भी ज्यादा काम न आई। अब तो गाड़ी का इंजन आग की तरह गर्म होने लगा और गाड़ी बार बार बंद। तब मैने एमपी नगर में एक मैकेनिक को दिखाया तो उसने कहा कि गाड़ी में इंजन आॅयल डालना पड़ेगा मैने सोचा कि चलो डलवा लेते हैं। लेकिन इंजन आॅयल डालने के बाद भी दूसरे दिन गाड़ी अत्यधिक पेट्रोल खा रही थी और वही बार बार बंद। इस बार मुझे 2 कि.मी. गाड़ी धकाकर बीएचईएल एरिये में एक मैकेनिक को दिखानी पड़ी उसने कहा कि कलच पलेटें जा रही हैं इसलिये उसने कलच बायर लूज कर दिया अब तो गाड़ी कुछ दूर चले और जैसे ही कहीं ट्रेफिक में गेयर चेंज करों बंद। फिर करते रहो स्टार्ट, और पेट्रोल तो गाड़ी एक तरह से पी रही थी मात्र 6 कि.मी. गाडी चलाने पर 30 रू. का पेट्रोल स्वाहा हो रहा था। इसके बाद मैने ओर 2 मैकेनिकों को दिखाया लेकिन कुछ समय बाद समस्या वहीं की वहीं। फिर किसी तरह गुरूवार याने 19 जुलाई 2012 को मै अपने आॅफिस से जो कि जोन 1 एमपीनगर में है से जोन 2 एमपीनगर स्थित पेट्रोल पम्प तक गाड़ी धकाकर ले गया। मैने सोचा कि कौन जरा से पेट्रोल के लिये दूसरों के आगे हाथ फैलाये। अब तो ऐसा लगे जैसे मै एक कमजोर और कुपोषित की श्रेणी में हँू जो कि एक चढ़ाई पर गाड़ी को धकाने में ही पसीने से तरबतर हो गया। खैर किसी तरह मै रात के 8 बजे किसी तरह गाड़ी को रूकते रूकाते बीएचईएल बरखेड़ा मार्केट ले गया लेकिन वहाँ गुरूवार को सभी दुकाने बंद रहती हैं मैकेनिक की भी। फिर वहाँ से पिपलानी मार्केट गया लेकिन वहाँ गुरूवार का बाजार या हाट लगता है इसलिये मैकेनिक महोदय के भाव बढ़े हुये थे सो वहीं एक दूसरे मैकेनिक के पास गया तो उसने गाड़ी को चेक करने के बाद बताया कि इसका इंजन खुलेगा पिस्टन डलेगा और पता नहीं क्या डलेगा कहा। और उसने टोटल खर्चा बताया 1800 रू. मैने कहा कि यार ये तो तुमने अंधी मचा रखी है जरा सी प्रोब्लम को ठीक करने के इतने खर्चे बता रहे हो तो वह अपनी दलिलें देने लगा कि करवा लो नही तो इंजन बैठ जायेगा, एवरेज की गारंटी मेरी आदि। मैने उससे कहा कि रहने दे भाई।
भगवद गीता ऑनलाइन सुनिए Listen online Bhagavad Geeta in Hindi
भगवद गीता ऑनलाइन सुनिए चार भाषाओं में Listen online Bhagavad Geeta
http://gitopanishad.com/audio/hindi-gita/listen-hindi.html
http://gitopanishad.com/audio/hindi-gita/listen-hindi.html
सोमवार, 16 जुलाई 2012
खान अकादमी से सम्बंधित जानकारी Khan Academy
खान अकादमी से सम्बंधित जानकारी जो कल भास्कर में बढ़ी ही रोचक लगी
http://www.khanacademy.org/
Right click and open in new window for ZOOM |
शनिवार, 14 जुलाई 2012
GIST-DVTT FONT CONVERTER
GIST TT TYPE FONT TO UNICODE CONVERTER
DV-TTSurekhEN से यूनिकोड फ़ोण्ट परिवर्तित्र (19-10-2008)
Paste the text in DV-TTSurekhEN font in the box below :
कृपया यहां क्लिक कर फोंट कन्वर्ट करें
DV-TTSurekhEN से यूनिकोड फ़ोण्ट परिवर्तित्र (19-10-2008)
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कृपया यहां क्लिक कर फोंट कन्वर्ट करें
मंगलवार, 10 जुलाई 2012
भोपाल रेलवे टाइम टेबल bhopal railway time table
सोमवार, 9 जुलाई 2012
एक पंथ, दो काज plant breeding in India
शुक्रवार, 29 जून 2012
स्कूल स्थानांतरण प्रमाण पत्र या टीसी बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा में बाधक issuing transfer certificate from the school is major problem.
Issuing transfer certificate from the school is major problem.
मै इस माह अपनी बच्ची को रामकृष्ण मिशन द्वारा संचालित एक ब्रांडेड स्कूल से निकालकर एक सस्ते और जहाँ पढ़ाई होती है लुटाई नही होती डालना चाहता हँू। लेकिन जब मेरी पत्नि उस ब्रांडेड स्कूल में टीसी के लिये गई तो स्कूल प्रबंधन ने पहले तो कहा कि इस साल से हमने और अच्छे टीचर रख लिये हैं अब पढ़ाई अच्छी होगी लेकिन मैने तो तय कर लिया है अपनी बच्ची को इस महल जैसे स्कूल से छुटकारा दिलाने के लिये क्योकि इन जैसे महल टाइप स्कूलों में ना तो पढ़ाई होती है ना ही बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा बेहतर मिल पाती है बच्चा नर्सरी से लेकर दूसरी क्लास तक ये नही सिख पाता कि हिन्दी के बाराखड़ी या इंग्लिश में वर्व या टेन्स क्या होते हैं ना ही गुणा भाग। और कोर्स की किताबें इस अनुसार या ऐसी होती हैं जैसे हमारा बच्चा हिन्दी या इंग्लिश पढ़ने, लिखने और समझने में एक एक्पर्ट है। इस जैसे स्कूल हमारे बच्चों को एक मैसेन्जर या संदेश वाहक बना लेते हैं, हमारा बच्चा हर सप्ताह एक संदेश लेकर आता है कि मेडम ने फलां काम के लिये इतने पैसे या फलां कार्यक्रम के लिये फलां टाइप की ड्रेस या स्वतंत्रता दिवस के लिये स्कूल कंगाल हो चुका है झंडा फहराने के लिये 50रू चाहिये और पता नही क्या-क्या ये भिखमांगे लोग संदेश द्वारा मांगते रहते हैं। जबकि करोडों रू दान में अर्जित करते हैं। केवल फॉरमेलिटी या ये कहें कि केवल खर्चा-खर्चा और खर्चा। और यदि आप टीसी निकलवाने के लिये जून या जुलाई में एप्लीकेशन देते हैं तो कहा जाता है कि अपै्रल में ही टीसी निकलवानी थी आपको अब यदि आपको टीसी चाहिये तो एनुअल चार्जेस 1500-2000 रू. तो देने ही होंगे अन्यथा टीसी नही मिलेगी।
अब यदि दूसरे स्कूल में जाकर हम ये बताएँ कि फलां स्कूल वाले टीसी नही दे रहे तो वह अपने हाथ खड़े कर देते हैं कि बिना टीसी के हम एडमिशन या प्रवेश नही दे सकते। अभिभावक इस समस्या से इतने एरिटेट या चिढ़ने लगते हैं कि वे उसी पहले वाले स्कूल में अपने बच्चों एक शैक्षणिक वर्ष बर्बाद कर देते हैं।
जब हमारी सरकार या प्रशासन को मालूम है कि अभिभावक या बच्चा कक्षा 8 तक या 10 तक किसी भी हालत में दो स्कूल्स में नही पढ़ सकता तो फिर क्यो दूसरे स्कूल में प्रवेश के लिये टीसी कि अनिवार्यता लागू की गई है जबकि बच्चे की मार्कसीट भी तो उसी स्कूल की होती है, टीसी कोई करेंसी पेपर पर तो प्रिंट होती नही जो कोई डुप्लीकेट नही बना सकता। हमारे भोपाल शहर की इस समस्या के कारण मैने एक सबसे बड़ी खामी महसूस की है कि यदि आप किसी स्कूल से पीड़ित हैं तो केवल एक डीईओ आॅफिस (DEO Office Bhopal or DEO, BHOPAL Email ; deobho-mp@nic.in ) है शिकायत करने के लिये वहां प्रतिदिन सैकड़ों लोग इसी समस्याा को लेकर आते हैं यदि डीईओ को समस्या बताओं तो केवल एक फॉरमेलिटी वाला जवाब कि शिकायत लिख कर दे दें। शिक्षा मंत्री महोदया का ईमेल पूरे नेट पर कहीं नहीं, जो इनके करीबी आॅफिसर हैं वे फोन पर या मोबाईल पर समस्या सुनते ही कहते हैं मिलकर बताना और मिलना ऐसे है जैसे प्रधानमंत्री से मिलना हो। इन ट्रस्टों द्वारा संचालित स्कूलों की पकड़ भी बहुत होती है राजनीति या ब्यूरोके्रट्स में बड़ी टेड़ी खीर है इनके खिलाफ शिकायत को अंजाम तक पहुंचाना।
भोपाल कलेक्टर महोदय ने 1-2 साल पहले सभी स्कूलों को यह निर्देश दिया था कि कोई भी स्कूल एक ही दुकान से अभिभावकों को किताबें लेने पर मजबूर न करें लेकिन इस निर्देश की लगभग सभी प्राइवेट स्कूल्स धज्जियाँ उड़ा रहें हैं। केजी 1 से लेकर कक्षा दूसरी तक की किताबें यदि यकीन न हो तो पता करें ये स्कूल्स 1100-1300 रू. तक में अपनी कमीशन वाली दुकानों से लेने को मजबूर कर रहे हैं। ये एक ट्रिक अपनाते हैं ऐसी दुकान का पता देते हैं जो स्कूल्स से काफी दूर होती हैं भोपाल के दूसरे कोने में। यदि कोई आधा कोर्स लेना चाहता है तो ये मना कर देते हैं। और जब इनके पास कोई किताब कम होती है तो कहते हैं अभी इतनी ले जाओं बाद में ले जाना। लुटाई जारी है। हर साल बच्चे की फीस के साथ एनुअल चार्जेस के नाम पर 1500-2000 रू तक वसूलते हैं बताते भी नही कि किस बात के वसूल रहे हैं।
4 july'12 bhaskar bhopal |
6 july12 bhaskar bhopal |
24 JULY12 BHASKAR BHOPAL right click and open in new window or tab for ZOOM |
17 june 2013 |
गुरुवार, 28 जून 2012
फोटो को tag करना facebook पर मोजूद ब्रह्मास्त्र है photo taging power in facebook
महंगा रोये एक बार, सस्ता रोये बार-बार Duplicate/Chinese Pen Drives
बुधवार, 27 जून 2012
फेसबुक में कॉन्टेक्ट इंफॉरमेशन में अपना ईमेल देखें your new facebook email id
your new facebook email id
फेसबुक में कॉन्टेक्ट इंफॉरमेशन में अपना ईमेल देखें क्या लिखा है फेसबुक ने सभी यूसर के ईमेल @facebook कर दिये हैं कृपया ये नोट कर लें और अपने अन्य मेल आईडी से इस फेसबुक के ईमेल पर मेल करें कुछ अटैचमेंट के साथ फिर अपना फेसबुक का मैसेज बॉक्स देखें आपका भेजा हुआ ईमेल वहाँ दिखाई देगा
सोमवार, 25 जून 2012
रविवार, 24 जून 2012
स्कैन्ड ईमेज से टैक्स्ट प्राप्त करें OCR IN MICROSOFT OFFICE OneNote 2007
OCR IN MICROSOFT OFFICE OneNote 2007
यह उपाय केवल इंग्लिश फॉन्ट के लिये ही उपयोगी है।
सबसे पहले अब अपने पत्र या दस्तावेज को 300 डीपीआई पर स्कैन कर लें।
अब चित्र 1 की तरह माइक्रोसॉफ्ट आॅफिस वननोट OneNote 2007 खोलें।
pic 1 |
अब चित्र 2 की तरह इस स्कैन की हुई इमेज को इंसर्ट करें।
pic2 |
अब चित्र 3 की तरह राइट क्लिक कर टैक्स्ट कॉपी करें।
pic3 |
और अब अंत में किसी नोटपैड या वर्ड की फाइल खोल कर टैक्स्ट पेस्ट करें।
इस तरह आप स्कैन किये पत्रों से टैक्स्ट प्राप्त कर सकते हैं। बिन किसी ओसीआर सॉफ्टवेयर की सहायता से।
शनिवार, 23 जून 2012
रेसिपी विडियो हिंदी में Indian Recipes Video in Hindi
शुक्रवार, 22 जून 2012
हम स्वयं के निर्णयों के कारण दुखी हैं और कोसते भगवान को हैं। right decision with calm mind.
right decision with calm and cool mind.
शुरूआत करते हैं आम लोगों की भाषा से जो हर दूसरा व्यक्ति कहता है कि बड़ी मनहूस घड़ी थी जब मैने शादी की या उस घड़ी को कोसता हूँ जब जब मैने तुमसे शादी की या मेरी अक्ल घास चरने गई थी जब मैने फलां कम्पनी या शेयर मार्केट में ढेर सारा रूपया लगा दिया आदि। जल का कार्य होता है शीतलता प्रदान करना और प्यास बुझाना लेकिन जब वह अतिताप युक्त हो जाता है तो वह न हो शीतलता प्रदान करता है ना ही हम उससे अपनी प्यास बुझा सकते हैँ। यही हाल हमारा होता है जब हम उन्माद या क्रोध में आकर या किसी वासना या लोभ के कारण बिना सोचे विचारे केवल हसीन सपनों को देखते हुये कोई निर्णय ले लेते हैं तो हम कुछ समय बाद स्वयं को ही कोसने लगते हैं कि हमने कैसे बेहोशों की तरह निर्णय ले लिये जो आज हमारे वर्तमान जीवन को नर्क बनाये हुये हैं। जिनसे छूटकारे का कोई सरल उपाय नही सूझता। कुछ लोग तो रात दिन अपने ईष्ट देवता या कुल देवता को ही कोसते रहते हैं कि हम रात दिन आपकी पूजा करते हंै और आपने भी हमें इन गलत निर्णय लेने से नही बचाया या आपके होते हुये भी हमारा काम बिगड़ गया। और कुछ लोग तो नशे पत्ते के आदी होकर उस दुख को जो वे आज उन गलत निर्णयों की कारण भोग रहे हैं भूलाने की कोशिश में होते हैं लेकिन जब कुछ समय बाद नशा उतारता है तो वही दुख फिर उन्हें कचोटता है दुखी करता है। अब होना वही है जो होता है। वही बबूल के पेड़ वाली कहावत कि बबूल का बीज बोओगे तो अंत में कांटे ही मिलेंगे। यदि हम गहन एकांत में विचार करें तो हम स्वयं को ही गलत पायेंगे कि हमने अपने पूरे होश में ही निर्णय नही लिये किसी लालच में फंस कर निर्णय लिये।
बुधवार, 20 जून 2012
जो केवल महसूस किया जा सकता है, जो सदैव नवीन है, ताजा है (Regular meditation)
Regular meditation
एक सिम्पल सा गणित है कि जिस संख्या के आगे 0 शून्य लगा होता है उसकी महत्ता कम होती है जबकि जिस संख्या के पीछे शून्य 0 लगा हो और 000000000000 लगते जायें तो उसकी महत्ता बढ़ती जाती है। हमने केवल पढ़ा और सुना है कि परमात्मा या भगवान के दर्शन बहुत से महात्माओं और ज्ञानी पुरूषों ने किये हैं लेकिन आज तक हमने हमारे बुजुर्गों से नही सुना कि उनके भी बुजुर्गों ने कभी परमात्मा के दर्शन किये हों। जहाँ तक हम अपने अभी तक के जीवन का विश्लेषण करें तो हम पायेंगे कि हमने केवल परमात्मा को महसूस किया है और हर विपरीत परिस्थिति में करते हैं। जबकि कुछ भावनाओं में बह जाते हैं और कह देते हैं कि जिसने उनकी कठिन समय में सहायता कि वे स्वयं भगवान थे। और कुछ तो यह कहते हैं कि हमने साक्षात् भगवान के दर्शन किये। इन बातों में सच्चाई तो है लेकिन जो ये कहते हैं कि हमने साक्षात भगवान के दर्शन किये वे वास्तव में उस रेगिस्तान में प्यासे की तरह होते हैं जिन्हे प्रचंड गर्मी में मिराज का भ्रम होता है जैसे हिरन को रेगिस्तान में होता है और उसकी मृगतृष्णा बढ़ती है कम नही होती या जो तपती दुपहरी में सड़क पर पानी का भ्रम लगता है उसे ही पानी समझ बैठते हैं। ये वैसे ही असंभव लगता है जैसे कि हम गुलाब, मोगरा, रात की रानी, चमेली आदि पुष्पों की सुगंध से अपना ध्यान उस ओर करते हैं लेकिन उस सुगंध को देख नही सकते और ना ही उस वायु या हवा के दर्शन कर सकते जो इस सुगंध की वाहक होती है जिस के कारण ही हमें अपनी ओर आती सुगंध महसूस होती है जिसका हम अनुभव कर यह तय करते हैं कि यह किस फूल की सुगंध है। भले की फूल कितने ही रंग का हो जैसे गुलाब लेकिन सुगंध वही जानी पहचानी आती है और यही फूल हम अपने गमले में सजा लें अगले दिन वह बासा हो जाता है और सुगंध कहाँ लुप्त हो जाती है पता नही पड़ता लेकिन यदि आप दोबारा ताजा गुलाब लायें तो आप वहीं सुगंध पायेंगे जो कि कभी बासी नही होती हमेशा नवीन और ताजा रहती है। भले ही हम कितने ही पुराने या नये तरीकों से उस परमात्मा को याद करे लेकिन महसूस वही होता है जो सबको होता है जिसको हम पुराणों और कथाओं में पढ़ते हैं लेकिन हम जो महसूस करते हैं उसका वर्णन शब्दों में किया जा सके असंभव लगता है केवल हम जो पुराणों और कथाओं में वर्णित है उसका समर्थन करते हैं कि हमने भी कुछ ऐसा ही महसूस किया है।
मंगलवार, 19 जून 2012
भोपाल की सबसे गंभीर समस्या-कहाँ पढ़ें हम, घर चले हम। Schools in Bhopal
नये भोपाल के अधिकतर स्कूलों ने अपनी फीस दोगुनी कर दी है, एनुअल फीस या री-एडमिशन के नाम पर 2500-3000 रू तक वसूले जा रहे हैं, कॉलोनियों में स्कूल ही नही हैं। बिल्डरों ने कॉलोनियाँ तो बना दी हैं लेकिन स्कूल कौन बनाएगा, कॉलोनियों में स्कूल के लिये जगह भी नही छोड़ी। क्या हम अपने 4 साल के बच्चों को 6 कि.मी. बस से पढ़ने भेजें या अपना काम धंधा छोड़ स्कूलों में अपडाउन करें। सरकारी स्कूल तो कॉलोनियों के आस पास ढंूढने से भी नही मिलते। आंगनबाड़ियों तो केवल अब गांव की ही शान रह गई हैं। नये भोपाल में हिन्दी मीडियम स्कूल कौन खुलवायेगा? जो ट्रस्टों द्वारा संचालित स्कूल्स हैं क्या उनके द्वारा दान में अर्जित करोड़ों रूपये स्वीस बैंक में जाता है। भीख मांगने का लायसेंस लो ना यार, स्कूल खोलने का क्यो ले लिया। क्यों अप्रत्यक्ष रूप से अभिभावकों को लूट रहे हो? मध्ययवर्गीय परिवारों के पास गरीबी रेखा का राशन कार्ड तो है नही कैसे बडेÞ स्कूलों में एडमिशन का लाभ लें? शासन द्वारा जो कोर्स शासकीय स्कूल में मान्य है प्राइवेट स्कूल्स में क्यों नही? क्यों ये प्राइवेट स्कूल्स अपनी कमाई कर रहे हैं घटिया पब्लिकेशन की बुक्स बिक्री के लिये बाध्य कर। एसबीआई क्यो हर साल रामकृष्ण मिशन द्वारा संचालित स्कूल विवेकानंद ज्ञानपीठ, अवधपुरी, भेल, भोपाल को लाखों रूपये दान देता है? जबकि ये स्कूल के बच्चों को फीस में 1 रू. की भी रियायत नही देता, लूट मचा रखी है। इस स्कूल का बस नही चले नही तो ये बच्चों के चेहरे पर भी स्कूल का लोगो अनिवार्य कर दे। हमारा बच्चा किसी युद्ध में लड़ने नही जा रहा, पढ़ने जा रहा है जरूरी नही कि हर चीज पर स्कूल का लोगो लगा हो।
17 june 2013 |
रविवार, 10 जून 2012
गूगल ड्राइव की सहायता से ईमेज फाइल को टैक्स्ट फाइल में बदलें image to text in google drive
image to text in google drive or hindi OCR in Google Drive
कभी कभी हमारे पास कोई पीडीएफ या जेपीजी फाईल या अन्य कोई फार्मेट होता है जिससे की हमें टैक्स्ट मेटर निकालना होता है। तो सबसे पहले गूगल ड्राइव खोलकर फाइल अपलोड करलें अब उस फाइल को खोलकर चित्र 2 की तरह टैक्स्ट फार्मेट में डाउनलोड कर लें और शुरू करें अपनी टैक्सट एडिटिंग या कापी पेस्ट वर्क।
pic 1 |
pic 2 |
शनिवार, 9 जून 2012
फोटोशॉप में टैक्स्ट में गोल्ड इफेक्ट डालें Gold Text Effect in Photoshop----2
गुरुवार, 7 जून 2012
हिन्दी ऑनलाइन ओसीआर का लाभ उठाऐं Hindi Online OCR
हिन्दी ओ सी आर HINDI OCR
Hindi Online OCR
Hindi Online OCR
यदि आपके पास कोई इमेज है जिसमें से आपको हिन्दी टैक्स्ट निकालना है ताकि टाइपिंग से बचा जा सके तो आप इस http://www.ocr-extract.com/ http://www.newocr.com/ or http://www.ocrconvert.com/, http://www.i2ocr.com/free-online-hindi-ocr बेबसाइट पर जाकर अपनी इमेज को अपलोड कर लेंग्वेज आॅप्शन में हिन्दी सेट कर प्रीव्यू पर क्लिक करें सबसे नीचे इमेज और टैक्स दोनो दिखाई दे रहा होगा। हिन्दी टैक्स्ट यूनिकोड होगा जिसे आप अपने अनुसार किसी अन्य फोन्ट में ऑनलाइन यूनिकोड फान्ट कन्वर्टर की सहायता से आपके पीसी में जो फोंट है में कन्वर्ट कर सकते हैं।
STEP 1 |
SCANED IMAGE TEXT |
final result |
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software ; http://www.indsenz.com/int/index.php?content=homeहिन्दी ओ सी आर HINDI OCR
हिन्दी ओ सी आर HINDI OCR Software download
Plz open this link for HINDI ONLINE OCR : http://bhagatbpl.blogspot.in/2012/06/hindi-online-ocr.html
आप डाउनलोड कर कोशिश करें मैंने पूरी कोशिश की लेकिन यह software काम नहीं कर रहा. मैंने TDIL के टूलफ्री नंबर पर दो बार संपर्क किया लेकिन यही जवाब मिला की देखते हैं.
अगर डाउनलोड लिंक chrome में ना ओपन हो तो इन्टरनेट एक्सप्लोर में ओपन करें
बुधवार, 6 जून 2012
अपने फोटोस् से आॅनलाइन एनीमेटेड .gif file बनाएँ
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website : http://picasion.com/
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मंगलवार, 5 जून 2012
फोटो को निखारें pixlr.com की सहायता से Glowing Skin online
समझ शब्दों से नहीं आती, स्वयं के अनुभव से आती है Experience from the past is a good teacher for our future.
यदि आप किसी बच्चे को मना करें माचिस से खेलने को तो वह उसी माचिस की ओर ही आकर्षित होता है। एक बच्चा जो कि पार्क में अपने माता-पिता के साथ घूमने जाता है यदि वह किसी झूले या फव्वारे की ओर आकर्षित हो जाता है तो उसका आनंद लेकर ही मानता है। यदि बच्चा पार्क में माता पिता से खो जाये तो अधिकतर वह फव्वारे या झूले के पास ही मिलता है जिसमें कि उसे रस आता है। अब यदि पहली स्थिति की ओर ध्यान दें तो आप पायेंगे कि भले ही माता पिता माचिस से खेलने को मना करें पर जब बच्चा एक बार खेल खेल में माचिस की तीली जला कर स्वयं की अपनी अंगुलियाँ जला बैठता है तो वह पूरे जीवन में माचिस के गलत उपयोग की समझ विकसित कर लेता है और सावधान रहता है। और दूसरी स्थिति में यदि बच्चा झूले में झूलकर अजीबो गरीब स्थिति में आकर चिल्लाने लगता है तो वह उस झूले के प्रति पूरे जीवन भर की समझ विकसित कर लेता है।
फेसबुक वॉल का सरदर्द कम करें friend's post setting on facebook wall
friend's post setting in facebook
कभी कभी हमारे बहुत से फेसबुक मित्र दिनभर या हर घंटे में इतनी पोस्ट चेपते हैं या पोस्ट करते हैं कि हम उनकी पोस्ट से बोरिंग अनुभव करते हैँ उकता जाते हैं। जबकि इन पोस्टों को पढ़कर कुछ सीखने को भी नही मिलता, ना ही सामान्य ज्ञान बढ़ता है केवल एक न्यूज पढ़ने को मिलती है या फिर वहीं फोटोस् जो हम स्वयं ही पहले शेयर कर चुके हैं या देख चुके हैं देखने को मिलती हैं। टोटल टाइम वेस्ट या फालतू की बकबक, दूसरे के द्वारा बताया गया अर्द्धसत्य, फोटो मिक्सिंग और ना जाने क्या-क्या। कुछ भी नया नही। कुछ लोग तो केवल फोटो शेयर करने के लिये ही फेसबुक पर जमे रहते हैं, कुछ केवल दूसरों के द्वारा अचंभित करने वाले संदेश या न्यूूज को फारर्वड करने के लिये। यदि वे चाहे तो थोड़ी सी हिन्दी या इंग्लिश टाइपिंग की प्रेक्टिस कर अपने रियल अनुभव या जो उन्हें आता है वहाँ हम फेसबुक मित्रों से शेयर कर कुछ नया कर सकते हैं। फेसबुक एक ऐसा माध्यम है जहाँ हम अपनी लोकल समस्याओं को शेयर कर निजात पा सकते हैं या अपने मित्रों को किसी समस्या का समाधान बता सकते हैं जोकि परेशानी में होते हैं। यदि हम अपने निजी अनुभव या समस्याएँ शेयर करेंगे तो हमारे मित्र भी उत्साहित होकर ऐसा करेंगे।
अपने फोटो एल्बम को एनिमेशन में बदलें आॅनलाइन, फ्री होस्टिंग सुविधा के साथ photo animation with free flash file hosting
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रविवार, 3 जून 2012
फोटो को निखारें फ़ोटोशॉप की सहायता से Glowing Skin in Photoshop
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