उठो निराश अब वीर जवानों,
नभ् में उजाला भर दो,
इस अंधियारी रात को,
दिन के उजाले से सा कर दो,
आशा की पगडंडी पर चलकर,
सपनों को साकार कर लो,
भूले हुये अपने लक्ष्यों को याद कर लो,
इस दीपोत्सव पर कुछ मनन कर लो, कुछ मनन कर लो,
उठो निराश अब वीर जवानों
जीवन में उजाला कर लो।
—भगत सिंह पंथी
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मंगलवार, 21 अक्तूबर 2014
शनिवार, 18 अक्तूबर 2014
भगवान पर भरोसा करें शैतान पर नही।
कभी भी, कोई भी पेपरों के बंडल पर जिसमें की हर पेज पर हमारें हस्ताक्षर की सामने वाले को जरूरत हो आंख बंद कर हस्ताक्षर करने से पहले उसे ध्यान पूर्वक पढ़ लें ताकि भविष्य में हमें अपनी गलती पर पछतावा न हो। कुछ मामले अपवाद हो सकते हैँ जैसे कि जब आप किसी शेयर ब्रोकर के यहां जब अपना नया ट्रेडिंग एकाउंट के लिये ढ़ेर सारे पेपरों पर हस्ताक्षर करते हो।
जो आपको धोखा देना चाहता है वह अपना होमवर्क बहुत ही अच्छे से करके आपके सामने कागजों को पेश करता है ताकि यदि उन कागजो को पढ़ रहें हों और कोई गलती पकड़ लें तो वह कह सके कि यह तो टाइपिस्ट की गलती है।
जो आपको धोखा देना चाहता है वह अपना होमवर्क बहुत ही अच्छे से करके आपके सामने कागजों को पेश करता है ताकि यदि उन कागजो को पढ़ रहें हों और कोई गलती पकड़ लें तो वह कह सके कि यह तो टाइपिस्ट की गलती है।